बीएमसी के बजट पर सबकी निगाहें 

 02 Feb 2018  1338

 

 

 

सौम्य सिंह/in24 न्यूज़ 

बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) के वर्ष 2018-19 बजट पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं। दरअसल बीएमसी का सालाना बजट भारत के कई राज्यों के वार्षिक बजट से भी ज्यादा माना जाता है। इसकी वजह से बीएमसी काफी ज्यादा सक्रिय दिखाई देती है। वर्ष 2016-17 में बीएमसी का बजट 37,052 करोड़ रुपये का था लेकिन साल 2017-18 में इसमें तकरीबन 10 हजार करोड़ रुपये की कटौती देखने को मिली।

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो 16 राज्यों का सालाना बजट यदि मिला दिया जाए तो भी बीएमसी के बजट से कम ही होगा। इन राज्यों की सूचि में ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड समेत कई अन्य राज्य शामिल हैं। आपको बता दें कि जनवरी माह के आखिरी हफ्ते में वर्ष 2017-18 के मद्देनजर संपत्ति कर 3,320 करोड़ रुपये इकट्ठा किया गया था जबकि लक्ष्य 5,200 करोड़ रुपये का रखा गया था।

पिछले वित्त वर्ष में जनवरी तक बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) ने तकरीबन 3,380 करोड़ रुपये संपत्ति कर से कमाए थे। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, विकास योजना विभाग के द्वारा राजस्व वर्ष 2014-15 में 5,171 करोड़ रुपये था जबकि 2015-16 में 4,977 करोड़ और 2016-17 में 4,339 करोड़ इकट्ठा किए गए थे। रियल एस्टेट में सुस्ती और कई निर्माण कार्यों पर हाई कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के बाद बीएमसी ने 3,112 करोड़ रुपये की कमाई की।

हालांकि, वर्ष 2017-18 में लक्ष्य 4,964 करोड़ रुपये का था। चालू वित्त वर्ष में बीएमसी की कमाई में खासा असर देखने को मिला है। बता दें कि बीएमसी देशभर की निकाय इकाइयों में से आर्थिक दृष्टि को देखते हुए सबसे मजबूत मानी जाती है। वर्ष 2017-2018 में इसका बजट 25,141 करोड़ रुपये का रखा गया यानी 2016-17 के 37,052 करोड़ रुपये के बजट में से सीधे तौर पर 10 हजार करोड़ रुपये की गिरावट हुई।