भारतीय दवा बाजार में कैंसर की नकली दवाइयों की तस्करी जारी !

 18 Nov 2019  981

संवाददाता/in24 न्यूज़. भारत में नकली दवाइयों की खरीद-फरोख्त इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि ऐसा लगता है अब भारत में मेडिकल का भी बाजारीकरण कर दिया गया हो. एक अध्ययन के मुताबिक बड़ी फार्मा कंपनियों के नाम पर कैंसर और लीवर से जुड़ी नकली और औषधि विभाग से बिना मंजूरी मिली दवाओं का ग्रे मार्केट लगातार बढ़ता जा रहा है. चूंकि यह सभी दवाइयां तस्करी कर भारत में लाई जा रही है इसलिए इसका सही आंकड़ा मौजूद नहीं है लेकिन सूत्रों के मुताबिक केवल कैंसर की दवाओं का ग्रे मार्केट लगभग 300 करोड रुपए से ज्यादा का है. दवा बनाने के लिए चीन से कच्चे माल के आयात के कारण घरेलू फार्मा कंपनियों की चिंता अभी खत्म नहीं हुई थी बांग्लादेश के साथ अन्य देशों से विभिन्न बीमारियों की दवाओं के खेत भारत के बाजार में आने लगे हैं जिससे घरेलू फार्मा कंपनियों की नींद उड़ गई है इससे न सिर्फ कंपनियों की आमदनी खतरे में है बल्कि मरीजों की जान को भी बड़ा खतरा है हल्लाद किए हैं कैंसर के जिन रोगियों को इन दवाओं को लेने की सलाह डॉक्टरों द्वारा दी जाती है उनमें से 12 फ़ीसदी लोगों तक सिर्फ नकली दवाएं पहुंच रही है. सूत्रों के मुताबिक बी फार्मा कंपनियों की दो लाख रुपए की दवा इन दिनों ग्रे मार्केट में महज साढ़े चार हजार रुपए मे उपलब्ध है. कुल मिलाकर भारतीय दवा बाजार में कैंसर की नकली दवाओं ने अपनी पैठ बना ली है हालात यह है देश के ज्यादातर कैंसर रोगी इन नकली दवाइयों के सेवन को मजबूर है.