मौद्रिक नीति की तीसरी द्विमासिक समीक्षा संपन्न , RBI गवर्नर रघुराजन ने नहीं किया कोई बदलाव !

 02 Jan 2017  1921
ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़ मौद्रिक नीति की अपनी आखिरी समीक्षा में नीतिगत ब्याज दरों में रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन ने कोई बदलाव नहीं किया है। खुदरा महंगाई दर के 22 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचने के बीच नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं हुआ है अर्थात अब कर्ज पर ब्याज दरों में कमी नहीं होगी और आपकी ईएमआई भी नहीं घटेगी।  इसके अलावा ख़ास बात ये है कि आरबीआई ने अनुमान जताया है कि अगले साल मार्च तक महंगाई दर पांच फीसदी के करीब रह सकती है। गवर्नर रघुराम राजन ने मार्च तक मुद्रास्फीति लक्ष्य से ऊपर रहने के जोखिम का जिक्र करते हुए ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया, हालाकि उन्होंने आज यह भी कहा कि केंद्रीय बैंक का नीतिगत रख उदार बना हुआ है। मौद्रिक नीति की द्विमासिक समीक्षा व्यवस्था में राजन के कार्यकाल का आज यह आखिरी बैठक हुई और ज्यादातर विश्लेषकों ने वर्तमान आंतरिक व बाहय परिस्थितियों को ध्यान में रख कर यही अनुमान लागया था कि राजन नीतिगत ब्याज दर में फिलहाल बदलाव नहीं करेंगे। रिजर्व बैंक ने आगामी मार्च तक मुद्रास्फीति को पांच प्रतिशत तक सीमित रखने का लक्ष्य रखा है। राजन ने चालू वित्त वर्ष की मौद्रिक नीति की तीसरी द्वैमासिक समीक्षा में कहा, रिजर्व बैंक के लिए इस वक्त रेपो दर अपरिवर्तित रखना और नीतिगत पहल की गुंजाइश के लिए अभी इंतजार करना उचित है। मौद्रिक नीति का रख उदार बना हुआ है और (केंद्रीय बैंक) धन की उपलब्धता के पर्याप्त प्रावधान पर जोर देता रहेगा। रेपो दर वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक बैंकों को उनकी फौरी जरूरत के लिए धन उधार देता है। यह इस समय 6.5 प्रतिशत है। इसी के अनुसार रिवर्स रेपो छह प्रतिशत पर बनी हुई है। आरबीआई ने कहा कि जोरदार बुवाई और मानसून की सकारात्मक प्रगति खाद्य मुद्रास्फीति में नरमी के लिए अच्छा संकेत हालांकि दालों और अनाजों की कीमत बढ़ रही है। आरबीआई ने वद्धि के संबंध में सकल मूल्यवर्द्धन (जीवीए) के आधार पर अपना अनुमान 7.6 प्रतिशत पर यह कहते हुए बरकरार रखा कि अनुकूल मानसून से कषि वद्धि तथा ग्रामीण मांग में बढ़ोतरी और सातवें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के मददेनजर खपत बढ़ने से इसमें मदद मिलेगी। मानसूनी वर्षा फिल हाल औसत से तीन प्रतिशत अधिक है। कर्ज और मौद्रिक नीति की तीसरी समीक्षा की मुख्य बातें रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, मौजूदा रेपो रेट  6.5 फीसदी है और सीआरआऱ में कोई बदलाव नहीं, मौजूदा दर  4 फीसदी है। महंगाई पर फौरी असर निर्भर करेगा कि मानसून की वजह से खाद्य पदार्थों की कीमत घटती है या नहीं वहीं सातवे वेतन आय़ोग की सिफारिशों पर अमल से घर किराए में बढ़ोतरी के आसार नजर आ रहे है  2016-17 के दौरान 7.6 फीसदी के विकास दर के अनुमान पर रिजर्व बैंक कायम है इसके साथ ही जीएसटी से जुड़े विधेयक पारित होने से आर्थिक सुधारों पर राजनीतिक सहमति के आसार बढ़े हैं तय कार्यक्रम के मुताबिक जीएसटी लागू करना चुनौती के समान है और जीएसटी लागू होने से निवेश पर आय़ बढ़ेगी।  जीएसटी लागू होने से मध्यम अवधि में सरकार की वित्तीय स्थिति बेहतर होगी और जीएसटी लागू होने से कारोबारी माहौल सुधरेगा, निवेश बढ़ेगा।