नूपुर और राजेश तलवार को दीपावली की सौगात !

 16 Oct 2017  1370

ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़

देश के चर्चित आरुषि-हेमराज हत्याकांड के आरोप में करीब चार साल का वक्त डासना जेल में बिताने के बाद डॉक्टर राजेश तलवार और नूपुर तलवार को उत्तरप्रदेश की इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उन्हें तमाम आरोपों से बरी कर दिया जिसके बाद डासना जेल से रिहा होकर डॉ राजेश और नूपुर तलवार दम्पति आख़िरकार नोएडा के जलवायु विहार स्थित आरुषि के नाना-नानी के घर पहुंचे। वहां उनके स्वागत की पहले ही तैयारी कर ली गई थी। घर पहुंचते ही आरुषि के नाना-नानी ने अपनी बेटी और दामाद का स्वागत किया। नूपुर तलवार की मां ने अपनी बेटी की आरती उतारी, टीका लगाया और मिठाई खिलाई, इतने पर नूपुर भावुक हो गईं और अपनी मां से गले मिल कर रोने लगीं।

राजेश तलवार भी इस दौरान बेहद भावुक नजर आए। तलवार दंपति की रिहाई पर खुशी जताते हुए नूपुर की जेठानी वंदना तलवार ने कहा कि वे लोग राजेश और नूपुर तलवार के मानसिक हालात का अंदाजा भी नहीं लगा सकते हैं। वंदना ने कहा, 'अब हम सब परिवार की तरह रहना चाहते हैं और सभी से अपील करते हैं कि राजेश और नूपुर तलवार को थोड़ा वक्त दें, ताकि वे अपनी सामान्य अवस्था में आ सकें। वे अभी किसी से बात करने की स्थिति में नहीं हैं।'  आरुषि के नाना ने बताया कि आरुषि की हत्या के बाद नौ साल से उन्होंने दिवाली का त्योहार नहीं मनाया, लेकिन इस बार बेटी-दामाद के रिहा होने पर वे दिवाली जरूर मनाएंगे।

मई 2008 में आरुषि की हत्या हुई थी, तब से नाना-नानी और आरुषि के माता-पिता ने दिवाली नहीं मनाई थी। 12 अक्टूबर को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दंपति को रिहा किया था लेकिन रिहाई की कॉपी जेल तक देर से पहुंचने के कारण दोनों जेल से सोमवार को छूट पाए। 16 अक्टूबर शाम पांच बजे राजेश और नूपुर तलवार जेल से बाहर आए। करीब चार साल बाद उन्होंने खुली हवा में सांस ली। उनके हाथ में तीन बैग थे। काले रंग का एक बैग राजेश के हाथ में था।  ऐसा ही एक बैग नूपुर के हाथ में और एक हैंडबैग भी था। आपको बता दें कि दोनों ने जेल में कैदी के तौर पर कमाए पैसों को जेल अथॉरिटी को दान में दे दिया है। चार साल में गाजियाबाद के डासना जेल में रहे डॉक्टर राजेश और नूपुर तलवार ने जेल से रिहा होने से पहले अपनी चार साल की कमाई जेल को दान कर दी।

जेल में रहने के दौरान यहां के मरीजों से राजेश और नूपुर तलवार ने 84000 रुपये की कमाई की थी। इसके साथ ही उन्होंने महीने में कम से कम एक बार जेल में आकर दांत के इलाज करने का वादा भी किया है। जेल से बाहर आने के बाद तलवार दंपति के वकील ने कहा कि उनके साथ आखिरकार न्याय हुआ। कानून व्यवस्था में लोगों का विश्वास मजबूत होगा। हमारे क्लाइंट ने कभी हिम्मत नहीं हारी। यहां पर ऐसा कोई शख्स नहीं है जिसे उनके निर्दोष होने पर शक हो। हम सबसे गुजारिश करते हैं कि उनको उनका खोया हुआ सम्मान, आदर लौटा दें। उन्हें शांति से जीने दें।

राजेश तलवार ने डासना जेल में 3 साल 10 माह और 21 दिन बतौर सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे हैं। वहीं विचाराधीन के तौर पर 1 माह 20 दिन जेल में काटे हैं। जबकि नूपुर तलवार ने डासना जेल में 3 साल 6 माह और 22 दिन सजायाफ्ता कैदी के तौर पर काटे हैं। वहीं विचाराधीन के तौर पर 4 माह 26 दिन जेल में काटे हैं। 12 अक्टूबर को ही हाई कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के बाद भी तलवार दंपति की रिहाई नहीं हो पाई क्योंकि समय से जेल प्रशासन को फैसले की कॉपी नहीं मिली थी। More Crime News in Hindi