विशेष अदालत ने अजमेर बम विस्फोट मामले में सुनाया फैसला, दो दोषियों को उम्र कैद की सजा

 22 Mar 2017  1455

ब्यूरो रिपोर्ट / in 24 न्यूज़, मुंबई 

जयपुर : अजमेर बम विस्फोट कांड में जयपुर की विशेष अदालत ने आज अपना फैसला सुनते हुए दो आरोपियों देवेश गुप्ता और भावेश पटेल  को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इस मामले में असीमानंद समेत साथ आरोपियों को कोर्ट बाइज़्ज़त बरी कर चुकी है तीन आरोपियों को इस मामले में दोषी पाया गया था। जयपुर विशेष कोर्ट ने आज इस मामले पर सजा का फरमान सुनाया। असीमानंद पर इस हमले का प्लान बनाने का आरोप था।

इस मामले में 11 अक्टूबर 2007 में तीन लोगो की मौत हुई थी और तक़रीबन 20 लोग घायल हुए थे। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के मामलो की विशेष अदालत के न्यायधीश दिनेश गुप्ता ने अजमेर स्थित सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह परिसर में 11 अक्टूबर 2007 को पेड़ के पास हुए बम विस्फोट मामले में देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को दोषी करार दिया गया था। पर उस वक़्त कोर्ट ने सजा का एलान बाद में करने की बात कही थी।अदालत ने स्वामी असीमानंद, हर्षद सोलंकी, मुकेश वासाणी, लोकेश शर्मा, मेहुल कुमार, भरत भाई को शक के आधार पर बरी कर दिया।

[caption id="attachment_1138" align="alignnone" width="300"] Photo of Swami Aseemanand[/caption]

उन्होंने बताया था की कोर्ट ने देवेन्द्र गुप्ता, भावेश पटेल और सुनील जोशी को इंडियन पीनल कोड की धारा 120 बी,195 और धारा 295 के अलावा विस्फोटक सामग्री कानून की धारा 3(4) और गैर कानूनी गतिविधियों का दोषी पाया। बचाव पक्ष के वकील जगदीश.एस.राणा ने बताया कि अदालत ने स्वामी असीमानंद समेत सात लोगों को शक के आधार पर बरी कर दिया है। दोषी पाए गए आरोपियों में से सुनील जोशी की मृत्यु हो चुकी है। असीमानंद कई तरह के बम ब्लास्ट मामले में आरोपी है, 2007  हैदराबाद की मक्का मस्जिद में ब्लास्ट और उसी साल समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट शामिल है जिसमे तक़रीबन 70 लोगों की मौत हो गई थी। समझौता एक्सप्रेस भारत-पाकिस्तान के बीच चलती है। उसे 2010 में जेल भेज गया था जहा उसने आतंकी मामलों में कतिथ तौर पर अपना जुर्म कबूल किया था। बाद में उन्होंने कहा के जांच अधिकारियों ने उन पर प्रताड़ित करके झूठा बयान दिलाया।