परीक्षा काफी जरूरी, लेकिन ये ही सबकुछ नहीं : पीएम मोदी

 20 Jan 2020  778

संवाददाता/in24 न्यूज़.

एक मशहूर कहावत है कि ज़िंदगी हर किसी की परीक्षा लेती है. इस बात के महत्त्व को समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विद्यार्थियों से चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कई बार मां-बाप बच्चों पर पढ़ाई की तरह एक्सट्रा एक्टिविटी के लिए भी दबाव डालते हैं। मां-बाप ऐसा न करें। बच्चों की रुचि के हिसाब से उनको प्रोत्साहित करना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा कि अगर मुझे सिखाया गया कि कम बोलने से फायदा होता है तो मुझे इसका प्रयोग घर पर ही करना चाहिए। हमें रोबोट नहीं बनना है। हमारे देश के नौजवानों को ऊर्जा से भरपूर होना चाहिए, इसलिए पढ़ाई के साथ अन्य गतिविधियों में भी बराबर हिस्सा लेना चाहिए। छात्र पढ़ाई और खेल के बीच समय का तालमेल जरूर बैठाएं। उत्तराखंड के छात्र मयंक ने वीडियो मैसेज के जरिए पीएम से पूछा कि परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए हम कितना ध्यान लगाएं और क्या अंकों से सफलता को मापा जा सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि सफलता-विफलता का टर्निंग पॉइंट मार्क्स बन गए हैं। मन इसी में रहता है कि एक बार ज्यादा अंक ले आऊं। मां-बाप भी ऐसा ही करते हैं। दसवीं के बाद 12वीं और उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम के लिए मां-बाप बच्चों पर प्रेशर डालते हैं।पीएम मोदी ने कहा कि आज जिंदगी बदल चुकी है। अंक पड़ाव हैं लेकिन ये जिंदगी है और अंक ही सब कुछ है, ये नहीं मानना चाहिए। हमें इस सोच से बाहर आना चाहिए। बच्चों के माता-पिता से गुजारिश करूंगा कि वो बच्चों पर प्रेशर न डालें। बच्चों को उनके मन की भी करने दें। इसमें छात्र, शिक्षक, अभिभावक हिस्सा लेंगे। परीक्षा पर चर्चा सुबह 11 बजे तालकटोरा स्टेडियम में होगी। इस कार्यक्रम में इस बार खासतौर पर दिव्यांग छात्रों को प्रधानमंत्री से अपने मन की बात कहने व प्रश्न पूछने का अवसर मिलेगा। परीक्षा पर चर्चा का यह तीसरा संस्करण है। इस कार्यक्रम में छात्रों के पास यह सुविधा होती है कि वे अपना सवाल सीधे प्रधानमंत्री को भेज सकते हैं। यह कार्यक्रम इस उद्देश्य से शुरू किया गया है कि छात्र तनावमुक्त होकर परीक्षा दे सकें। इस बार प्रधानमंत्री यहां दिव्यांग छात्रों से विशेष तौर पर चर्चा करेंगे। उन्हें यहां लाने और उनके बैठने की विशेष व्यवस्था की गई है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक के अनुसार, दिव्यांग छात्रों ने इस कार्यक्रम में विशेष रूप से ज्यादा रुचि ली है। निशंक ने बताया कि दिव्यांग छात्र सीधे प्रधानमंत्री के कार्यक्रम से जुड़ रहे हैं और ये छात्र प्रधानमंत्री के साथ सीधा संवाद करेंगे। निशंक ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी चाहते हैं कि छात्रों की परीक्षाएं तनावमुक्त हों, ताकि सभी विद्यार्थी अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें। अपने वीडियो संदेश में निशंक ने कहा कि मैं देशभर के सभी विद्यार्थियों और अभिभावकों से 20 जनवरी को परीक्षा पर चर्चा-2020 कार्यक्रम से जुड़ने का आह्वान करता हूं। मानव संसाधन विकास राज्यमंत्री संजय धोत्रे ने 'परीक्षा पे चर्चा' कार्यक्रम के मद्देनजर ओडिशा, असम, त्रिपुरा, पश्चिम बंगाल जाकर छात्रों के साथ विशेष मुलाकात की है। उन्होंने स्कूल में छात्रों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर छात्रों और शिक्षकों के साथ बातचीत की।