वंदे मातरम पर विवाद करने वाले एमआईएम के 3 पार्षद निलंबित !

 19 Aug 2017  1411
ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
राष्ट्रगीत वंदे मातरम पर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. ताजा मामला महाराष्ट्र के औरंगाबाद नगर निगम का है. नगर निगम में सत्ताधारी शिवसेना-बीजेपी के पार्षदों की मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन और कांग्रेस पार्टी के पार्षदों बीच विवाद किस कदर बढ़ा कि देखते ही देखते विवाद का स्वरुप हाथापाई में बदल गया ।
बताया जा रहा है कि वंदे मातरम के दौरान कांग्रेस के सभासद सोहैल शेख और एमआईएम के सैयद मतीन खड़े नहीं हुए जिसके बाद शिवसेना और बीजेपी के सदस्यों ने इस बात पर औरंगाबाद नगर निगम की मीटिंग में जमकर हंगामा किया। इसी दौरान एमआईएम के एक अन्य सभासद शेख जफर ने सभागृह में तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस हंगामे के बाद मेयर ने तीन एमआईएम पार्षदों को 15 दिन के लिए निलंबित कर दिया और शेख जफर के विरुद्ध पुलिस को आपराधिक मामला दर्ज करने का निर्देश दिया।
इससे पहले एमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी वंदे मातरम को जबरन गवाये जाने का विरोध किया था।  उनके अनुसार यह हरकत संविधान के खिलाफ है। आपको बता दें कि बीएमसी के स्कूलों में वंदे मातरम अनिवार्य किये जाने का प्रस्ताव मनपा सभागृह में पास हो चुका है। शिवसेना की अगुवाई वाली मुंबई महानगरपालिका ने प्रस्ताव पर मुहर लगाई थी। बीएमसी के सदन में बीजेपी ने प्रस्ताव रखा जिसका शिवसेना ने समर्थन किया था। बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों में वंदे मातरम को गाना अनिवार्य करने पर बीएमसी नोटिस ऑफ मोशन भी पास कर चुकी है।
मुंबई के मेयर ने भी वंदे मातरम को स्कूलों में अनिवार्य रूप से गाने को लेकर बयान भी दिया था। उन्होंने मांग की है कि हर बीएमसी द्वारा संचालित स्कूलों में वंदे मातरम को दो बार गाना अनिवार्य किया जाए। मुंबई के मेयर इसे लेकर महाराष्ट्र सरकार के पास जल्द प्रस्ताव भेजने की तैयारी में हैं। वहीं मद्रास हाई कोर्ट ने भी जुलाई में आदेश दिया था कि स्कूलों में वंदे मातरम को कम से कम एक बार गाना अनिवार्य किया जाए। खासकर सोमवार या शुक्रवार को वंदे मातरम गाया जाए।
इसके साथ ही आपको बता दें कि इससे पहले भी महाराष्ट्र विधानसभा के बाहर ‘वंदे मातरम’ को लेकर बीजेपी विधायक राजपुरोहित और एमआईएम विधायक वारिस पठान में बहसबाजी हुई थी। 28 जुलाई को दोनों एक दूसरे की आवाज दबाते हुए नारेबाजी कर रहे थे। बीजेपी विधायक राज पुरोहित एमआईएम के वारिस पठान के सामने वंदे मातरम का नारा लगा रहे थे। वहीं वारिस खान वह नारा लगाने को मना कर रहे थे।
राज पुरोहित ने वारिस पठान से यह भी कहा था कि अगर वह वंदे मातरम नहीं कहना चाहते तो उनको पाकिस्तान चले जाना चाहिए। इसका एक वीडियो भी सामने आया था। उसमें राज पुरोहित को वारिस पठान से कहते हुए देखा जा सकता था कि यदि हिंदुस्तान में रहना है तो वंदे मातरम कहना होगा। इसपर पठान ‘जय हिंद’, ‘हिंदुस्तान जिंदाबाद’ के नारे लगाने लगते हैं। बहरहाल एक बार फिर से भारतीय राष्ट्रगीत वंदे मातरम को लेकर सियासत जारी है ऐसे में यह विवाद थमता है या आगे बढ़ता है इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म हो चुका है।