स्मृति ईरानी ने दिखाया मीडिया को आइना !

 26 Aug 2017  1321

ज्योति विश्वकर्मा / in24news

डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम पर बलात्कार का आरोप सिद्ध होते ही देश के लगभग चार राज्यों में अलग-अलग जगहों पर हिंसा का रूप देखने को मिल रहा है। ऐसे में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया को कवरेज न करने की सलाह दे दी। शुक्रवार को पंचकूला में राम रहीम के समर्थकों द्वारा किए गए उपद्रव में जहां 30 लोगों की मौत हो गई। पंचकूला की सीबीआई अदालत ने जैसे ही डेरा प्रमुख को दोषी ठहराया वैसे ही राम रहीम के समर्थक गुंडागर्दी पर उतर आए। उन्होंने जगह-जगह आगजनी की। मीडिया को सबसे ज्यादा निशाना बनाया गया जिसमे कई पत्रकार घायल हो गए।
उसी उपद्रव की वीडियो को टीवी पर दिखाने को लेकर केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी ने मीडिया को ही निशाना बना डाला। स्मृति ईरानी ने इस पूरे घटना क्रम की कड़ी निंदा की इसके साथ ही उन्होंने न्यूज चैनलों को भी नसीहत दे डाली कि वे ‘‘घबराहट, तनाव और अनुचित डर’’ पैदा करने वाली खबरें दिखाने से परहेज करें। स्मृति ईरानी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मीडिया पर हमला और संपत्ति को नुकसान निंदनीय है। उन्होंने सभी से शांति की अपील की।’’ एक अन्य ट्वीट में स्मृति ने चैनलों को नसीहत देते हुए लिखा, ‘‘फंडामेंटल ऑफ एनबीएसए (न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैण्डर्ड अथॉरिटी) की धारा बी की तरफ न्यूज चैनलों का ध्यान दिला रही हूं, घबराहट, तनाव और अनुचित डर पैदा करने वाली खबरों से परहेज करें।’’
ग़ौरतलब है की शुक्रवार को पंचकूला में हुए इस पूरे घटनाक्रम को मीडिया ने दिनभर टीवी पर दिखाया कि कैसे ये समर्थक गुंडो में बदल गए और वाहनों को आग लगाने लगे। कैसे मीडिया कर्मियों पर हमला किया गया। राम रहीम के समर्थकों ने मीडिया के लोगों को पर धारदार हथियार चलाया, उनके साथ मारपीट की और उनकी गाड़ियां तोड दी।  इतना ही नहीं उग्र भीड़ ने सरकारी सम्पत्तियों को भी बड़े पैमाने पर नुकसान पहुँचाया।
हिंसा की आग देखते ही देखते हरियाणा से निकल कर दिल्ली तक पहुंच गयी जिसके चलते दिल्ली में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने भी लोगों से शांति की अपील की। इतना ही नहीं मामला तूल पकड़ता देख इसमें सियासत भी तेज होने लगी तमा राजनीतिक पार्टियों ने जहां कथित हिंसा की निंदा की तो वहीं विपक्षी पार्टियों ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर को अपने पद से इस्तीफा देने की भी मांग शुरू कर दी।
वैसे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख पर बलात्कार का आरोप माननीय न्यायपालिका ने तय किया है जिसके बाद बाबा राम रहीम को एक अपराधी की भूमिका में देखा जाने लगा ऐसे में राज्य सरकार का यही फर्ज बनता था कि वे मौके की गंभीरता को देख सारे ऐतिहाती कदम उठाने के लिए आगे आना चाहिए था लेकिन जिस तरीके से गाड़ियों का काफिला लेकर बाबा गुरमीत राम रहीम सड़कों पर निकले उससे ऐसा लग रहा था कि मानो कोई बड़ा नेता शक्ति प्रदर्शन कर रहा है बावजूद इसके हरियाणा प्रशासन की आँख नहीं खुली और देखते ही देखते सड़कों पर उतरे बाबा राम रहीम समर्थकों का जनसैलाब उमड़ आया जिसे नियंत्रण कर पाने में सारी व्यवस्था धरी की धरी रह गयी
ऐसे में केंद्रीय सुचना प्रसारण मंत्री स्मृति ईरानी को मीडिया ही दोषी नजर आने लगी और उन्होंने तमाम मीडिया संस्थानों को फंडामेंटल ऑफ एनबीएसए (न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैण्डर्ड अथॉरिटी) की धारा बी की याद दिलाते हुए उन्होंने अपनी मर्यादा दिखाने की कोशिश की। यही काम स्मृति ईरानी ने यदि पहले ही कर दिया होता तो शायद डेरा प्रमुख राम रहीम को इतने बड़े पैमाने पर मीडिया माइलेज नहीं मिलता और स्थितियां भी विपरीत नहीं होती इस बात की चर्चा अब चारों तरफ होने लगी है।