सरदार पटेल को नहीं भुलाया जा सकता-पीएम मोदी 

 31 Oct 2017  1267

ब्यूरो रिपोर्ट/in24 न्यूज़  

भारतीय इतिहास में 'लौहपुरुष' कहे जाने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती देश मना रहा है और इस मौके पर देशभर में केंद्र सरकार की ओर से 'रन फॉर यूनिटी' का आयोजन किया गया जिसमे बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 'रन फॉर यूनिटी' को हरी झंडी दिखाई और साथ ही अपने संबोधन में कहा कि युवा पीढ़ी को सरदार पटेल के योगदान को भूलना नहीं चाहिए। गौरतलब है  सरदार पटेल कांग्रेस के नेता थे, उस जमाने में जवाहर लाल नेहरू, महात्मा गांधी के साथ आजादी दिलवाने में उन्होंने अहम् भूमिका निभायी थी । लेकिन पिछले कुछ वर्षों में नरेंद्र मोदी ने पटेल को लेकर इस तरह माहौल बनाया है कि मानो वह भारतीय जनता पार्टी के नेता ही रहे हों क्योंकि मोदी लगातार कहते रहे हैं कि महापुरुष किसी पार्टी के नहीं होते हैं, वो देश के होते हैं।

आपको बता दे मोदी का 'सरदार प्रेम' देश के सामने तब उजागर हुआ, जब उन्होंने 2013 में सरदार साहब की सबसे ऊंची मूर्ति 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के लिए देशभर के किसानों से लोहा मांगना शुरू किया। उस समय मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे और राष्ट्रीय राजनीति में अपने आप को स्थापित करने की कोशिश कर रहे थे। स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का काम फिलहाल चल रहा है और जल्द ही पूरा भी होने वाला है। जब मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने रन फॉर यूनिटी की शुरुआत की और इसी दिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के  रूप में मनाने की उन्होंने घोषणा भी की थी। इसके अलावा अभी हाल ही में गुजरात में मोदी ने सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन किया. मोदी ने कहा कि इस डैम का सपना सरदार साहब ने ही देखा था, जिसे आज हम पूरा कर रहे हैं।

मोदी ने इस मुद्दे को कांग्रेस पर लगातार निशाना साधा है। वह कहते हैं कि कांग्रेस ने सरदार साहब के योगदान को भूलाने की कोशिश की और कई मौकों पर कह चुके हैं कि अगर सरदार पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते तो शायद देश की तस्वीर अलग होती। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह पिछले कुछ समय में महात्मा गांधी और सरदार पटेल को लेकर माहौल बनाया है उस पर कांग्रेस भी मोदी पर  निशाना साधने से नहीं चुकी। पीएम मोदी ने कांग्रेस पार्टी पर लगातार आरोप लगाया है कि कैसे कांग्रेस द्वारा भारत के इतिहास से सरदार पटेल के नाम को मिटाने की कोशिश की गयी और साथ ही देश की युवा पीढ़ी को उनके बारे में कुछ भी बताया नहीं गया।  सरदार पटेल ने  साम-दाम-दंड-भेद, कूटनीति और रणनीति के जरिये देश को एक सूत्र में बांधे रखा लेकिन यह दुःख की बात है कि सरदार पटेल को हमारी देश की युवा पीढ़ी से परिचित नहीं कराया, इतिहास के झरोखे से इस महापुरुष के नाम को मिटाने की कोशिश की गई।