बाबरी ढांचा विवाद की 25वीं बरसी

 06 Dec 2017  1216
  सौम्य सिंह/in24 न्यूज़ 

6 दिसंबर 1992 यह वो तारीख है जब बाबरी मस्जिद का विध्वंस कारसेवकों द्वारा किया गया था। 25 साल पहले भाजपा सरकार सूबे पर शासन करती थी और आज भी करती है. तब कल्याण सिंह मुख्यमंत्री थे और अब योगी आदित्यनाथ हैं, लेकिन यह विवाद बीते 25 सालों में कभी नहीं सुलझा। केंद्र और यूपी में भाजपा शासन होने के बावजूद आज भी राम मंदिर बनाने का मसला कानूनी पेंच में फसा हुआ है।

राम मंदिर आंदोलन के जरिए भाजपा ने अपनी राजनीतिक पारी की शुरुआत की थी। वर्ष 1990 में लालकृष्णआडवाणी ने सोमनाथ मंदिर से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली थी जिसकी बदौलत मंदिर आंदोलन उग्र हुआ जिससे बीजेपी को आने वाले लोकसभा चुनाव में 85 सीटें मिलीं। बीते 25 सालों में प्रदेश की सत्ता में कई फेरबदल हुए। कभी बसपा ने बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार बनाई तो कभी सपा ने रालोद के साथ गठबंधन कर प्रदेश पर राज किया।

भाजपा सुप्रीम कोर्ट में इस मसले पर हर दिन सुनवाई कराने को तैयार है। पार्टी के दिग्गज नेताओं का यह मानना है कि 2019 लोकसभा के चुनाव के पहले राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। गौरतलब है कि राम मंदिर के समर्थक लगातार सरकार और जनता पर राम मंदिर के निर्माण का दबाव बना रहे हैं और सरकार सुप्रीम कोर्ट में मामले को बताकर अपना पल्ला झाड़ रही है। राम मंदिर का विवाद सुलझे न सुलझे इस विवाद पर खींचातानी बदस्तूर जारी है।