2019 चुनावों में शिवेसना-भाजपा आमने सामने
23 Jan 2018
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सौम्य सिंह/in24 न्यूज़
एनडीए की पुरानी सहयोगी पार्टी शिवसेना ने 2019 में अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। आपको बता दें कि शिवसेना ने 2019 का लोकसभा चुनाव एवं विधानसभा चुनाव भाजपा के सहयोग के बिना लड़ने का फैसला किया है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने यह वचन लिया है, कि भाजपा के खिलाफ उनकी पार्टी अब चुनाव मैदान में उतरेगी और देश के सभी राज्यों में चुनाव लड़ेगी।
शिवसेना ने यह फैसला अपनी पार्टी कार्यकारणी बैठक में यह प्रस्ताव पास कर भाजपा के खिलाफ चुनाव लड़ने का फैसला लिया। शिवसेना नेता संजय राउत ने बताया कि उनकी पार्टी 2019 का चुनाव अकेले लड़ने की ताकत रखती है और 48 लोकसभा सीटों से 25 सीटें और 288 विधानसभा सीटों में से 150 सीटें जितने का दावा करती है।
आपको बता दें, कि महाराष्ट्र में शिवसेना के 18 सांसद और 63 विधायक हैं। पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कार्यकारणी बैठक में कहा कि पांच साल पहले लोग सोचते थे कि मैं पार्टी का नेतृत्व कैसे करूंगा। मुझे नेतृत्व करने में कभी कोई परेशानी नहीं आई, क्योंकि मेरे पास मजबूत और मेहनती सेना थी, जो पार्टी के लिए अपना सब कुछ बलिदान करने को तैयार रहते हैं।
उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को नेता बना दिया गया है और पार्टी बनने के बाद उन्हें पहली बैठक याद आती है जिसमे विरासत को आगे रखना महत्वपूर्ण माना जाता है और इस बात की परवाह नहीं थी कि कोई इसे वंशवाद की राजनीति बताए क्योंकि वंशवाद और विरासत में ख़ासा अंतर होता है। शिवसेना भाजपा का गठबंधन काफी पुराना रहा है।
एक समय ऐसा भी था जब भाजपा के साथ कोई खड़ा नहीं रहता था उस वक़्त से शिवसेना ने भाजपा का दामन थामा था ,परंतु 2014 में भाजपा के विराजमान होने के बाद शिवसेना ने तीखे तेवर नज़र आ रहे है ,फिर वो चाहे जीएसटी का मामला हो या फिर नोटबंदी का। काफी लंबे समय से एक साथ चलने वाले शिवसेना-भाजपा की राह अब जुदा हो गई।