शिवसेना के बाद अब टीडीपी के सुर भाजपा के खिलाफ 

 27 Jan 2018  1164
 
 
 
सौम्य सिंह/in24 न्यूज़ 
 
 

देश में 2018 में कुल 8 राज्यों में विधान सभा चुनाव और 2019 में लोकसभा चुनाव से होने से प[पहले भाजपा को एक और झटका देने के लिए चंद्रबाबू नायडू ने भाजपा के दामन छोड़ने के संकेत दे दिया है। हाल ही में  शिवसेना ने जब  बीजेपी को झटका देते हुए अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था।

टीडीपी नेता  उन्होंने अलग होने की संभावनाओं के लिए बीजेपी को ही जिम्मेदार ठहराया है। राज्य के बीजेपी नेताओ द्वारा टीडीपी की आलोचनाओं पर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि इन्हें कंट्रोल करना बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व की जिम्मेदारी है। इससे पहले शिवसेना ने कहा था कि बीजेपी सहयोगी दलों को महत्व नहीं दे रही है इसीलिए पार्टी ने अपनी भविष्य की अलग रणनीति तय कर ली है।

शनिवार को चंद्रबाबू नायडू ने साफ कहा, 'हम बीजेपी के साथ मित्र धर्म निभा रहे हैं लेकिन अगर वह नहीं चाहती कि हम आगे से गठबंधन में रहें तो हम अपनी राह पर चलेंगे।' नायडू  इसलिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकी  महीने से राजनितिक गलियारों में यह शोर उठ रहा है कि जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली वाईएसआर कांग्रेस भारतीय जनता पार्टी से हाथ मिला सकती है?

पिछले महीने वाईएसआर कांग्रेस के कई नेताओं ने बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की थी।दिसंबर के आखिरी हफ्ते में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद वी विजयसाई रेड्डी ने पीएम मोदी से भी भेंट की थी। गौरतलब है कि   विजयसाई के बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से भी अच्छे संबंध हैं। इसके बाद से ही आशंका जताई जा रही थी कि बीजेपी और टीडीपी के बीच संबंध अच्छे नहीं चल रहे हैं।

अब चंद्रबाबू ने कहा है, 'गठबंधन धर्म के कारण हम अब तक शांत रहे हैं।' उन्होंने आगे कहा कि अगर वे हमें नहीं चाहते तो हम उनसे 'नमस्कार' कर लेंगे और अपनी अलग राह पर चल पड़ेंगे। गौरतलब है कि टीडीपी केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक गठबंधन (NDA) सरकार में सहयोगी दल है। उधर, बीजेपी राज्य में टीडीपी के साथ सत्ता में भागीदार है।