महाराष्ट्र से बड़े प्रोजेक्ट के पलायन के लिए एमवीए जिम्मेदार - फडणवीस

 01 Nov 2022  250

संवाददाता/ in24 न्यूज़।  
महाराष्ट्र से परियोजनाओं को दूसरे राज्य जाने पर राजनीतिक गलियारे सियासी घमासान मचा हुआ है। राज्य से उद्योग प्रोजेक्ट के पलायन को लेकर आरोप-प्रत्यारोप जारी है। इसी कड़ी में उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने फर्जी बयान देने के लिए विपक्ष पर जमकर हमला बोलते हुए कहा कि पुणे के रंजनगांव में लगभग 500 करोड़ रुपये की इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टर परियोजना को मंजूरी देने के लिए केंद्र को धन्यवाद दिया। जहां एक ओर विपक्ष ने सरकार पर वेदांत-फॉक्सकॉन चिप प्लांट डील, बल्क ड्रग पार्क, मेडिकल डिवाइस पार्क और टाटा-एयरबस सुविधा जैसी परियोजनाओं के बाद राज्य के हितों की रक्षा करने में विफल रहने का आरोप लगाया है. तो वहीं दूसरी ओर राज्य के उपमुख्यमंत्री ने इसके लिए पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है। देवेंद्र फडणवीस ने  कहा, एमवीए सरकार की ढाई साल की सत्ता के दौरान भ्रष्टाचार के आरोप में पूर्व गृह मंत्री और पुलिस आयुक्त को जेल जाना और रंगदारी जैसी भयानक चीजें हुईं। नतीजा यह हुआ कि कोई भी महाराष्ट्र आने को तैयार नहीं हुआ। कोई महाराष्ट्र में निवेश नहीं करना चाहता था। हम महाराष्ट्र राज्य को इन सब चीजों से बाहर निकालने की कोशिश कर रहे हैं। पिछली कैबिनेट उप-समिति की बैठक में ही हमने 25,000 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी दी थी। टाटा-एयरबस परियोजना के बारे में अहम खुलासे करते हुए उन्होंने कहा, जब 2016 में टाटा और एयरबस के बीच बातचीत शुरू हुई थी, और जब ज्ञापन के समझौते पर हस्ताक्षर भी नहीं किया गया था, तब मैं टाटा के संपर्क में था और उनसे परियोजना को नागपुर लाने के लिए भी कहा था। मैंने उस दिन से 2019 तक उनसे बातचीत की। तब तक गुजरात और महाराष्ट्र दोनों में विवाद चल रहे थे। मैंने उनकी टीम को नागपुर में साइट दिखाई और गुजरात की पेशकश से अधिक देने का वादा किया। फिर एमवीए सरकार के सत्ता में आने के बाद मुझे एहसास हुआ कि यह निर्णय बदल रहा है, उसके बाद मैंने 24 अप्रैल 2021 को इस प्रोजेक्ट के प्रमुख से मुलाकात की। इस मौके पर फडणवीस ने वादा किया कि बीजेपी और बाळासाहेबांची शिवसेना सरकार अगले दो साल में महाराष्ट्र को नंबर 1 राज्य बनाएगी। सरकार सभी बाधाओं को दूर कर रही है। इसके साथ ही डिप्टी सीएम ने आश्वासन दिया कि राज्य एक बार फिर निवेश में नंबर 1 पर होगा। विपक्ष पर निशाना साधते हुए उन्होंने आरोप लगाया, "माहौल उनके अनुकूल नहीं होने के चलते उद्योगपति महाराष्ट्र से पलायन कर रहे हैं। मुझे संदेह है कि यह एमवीए की साजिश है ताकि महाराष्ट्र में आने वाले निवेशकों को भ्रमित किया जा सके और राज्य निवेश से वंचित रहे।