आदित्य ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस को दी चुनौती, कहा - बताएं टाटा के अधिकारी का नाम

 01 Nov 2022  268

संवाददाता/ in24 न्यूज़। 

महाराष्ट्र से बड़े प्रोजेक्ट के गुजरात जाने पर सत्ताधारी और विपक्ष में आरोप और प्रत्यारोप की लगातार जारी है। एक तरफ उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पूर्व की एमवीए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है तो दूसरी तरफ शिवसेना विधायक और उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे ने पलटवार करते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से टाटा के उस अधिकारी का नाम बताने को कहा है जिसने कहा था कि राज्य में स्थितियां एयरबस परियोजना के लिए उपयुक्त नहीं हैं। आदित्य ने दावा किया कि केंद्र के इशारे पर परियोजना गुजरात में शिफ्ट की गई है। राज्य सरकार पर आरोप लगाया कि उनकी लापरवाही की वजह से हजारों करोड़ की परियोजनाएं हाथ से निकल गई।साथ ही आदित्य ठाकरे ने कहा, मैं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को टाटा कंपनी के उस अधिकारी का नाम लेने की चुनौती देता हूं जिसने कहा था कि महाराष्ट्र में एयरबस परियोजना स्थापित करने के लिए स्थिति उचित नहीं थी। क्योंकि हम जो जानते हैं वह यह है कि केंद्र सरकार द्वारा टाटा से विशेष रूप से बताया गया कि उन्हें गुजरात में परियोजना स्थापित करनी है। उन्होंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को इस मुद्दे पर उनके साथ आमने-सामने बहस करने की चुनौती भी दी। आदित्य ने एकनाथ शिंदे - देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली सरकार पर भी हमला बोलते हुए कहा कि शिंदे को महाराष्ट्र में निवेश के मुद्दे पर बात करनी चाहिए थी।
आदित्य ठाकरे ने कहा, हर किसी के लिए पैसा महत्वपूर्ण है, इसलिए राज्य में आने वाले हर निवेश का स्वागत किया जाना चाहिए। लेकिन फिर हमने वेदांत-फॉक्सकॉन, चिकित्सा उपकरण पार्क, बल्क ड्रग पार्क, एयरबस परियोजना और बहुत कुछ खो दिया। हम जो लाए हैं वह 2000 करोड़ रुपये की परियोजना है जबकि हमें 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक की परियोजना के जाने का नुकसान हुआ है। उन्होंने फडणवीस के आरोपों पर भी टिप्पणी करते हुए कहा- फॉक्सकॉन के महाराष्ट्र नहीं आने की घोषणा तत्कालीन उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने पिछले साल सितंबर में की थी। ठाकरे ने कहा, मैं यह नहीं कह रहा हूं कि उपमुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं, या वह महाराष्ट्र के लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन यह तय है कि उनके लोगों द्वारा उन्हें ठीक से जानकारी नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा,अगर उन्हें ठीक से जानकारी दी गई होती, तो वह विवरण पढ़ लेते और जानते थे कि फॉक्सकॉन और वेदांत फॉक्सकॉन सौदों के बीच अंतर था। और फॉक्सकॉन ने 2018 में महाराष्ट्र शिखर सम्मेलन में राज्य में आने का वादा किया था। उसके बाद, उन्होंने तमिलनाडु में जगह तलाशी और शायद उसके बाद वे यूएसए चले गए और उत्पादन शुरू कर दिया। चूंकि वे पांच साल से महाराष्ट्र नहीं आए थे, इसलिए उनके लिए आरक्षित जगह समाप्त हो गई। इसी को लेकर सुभाष देसाई ने सदन में कहा था कि फॉक्सकॉन महाराष्ट्र नहीं आने वाली है।