ग्रामवासियों को नितेश नारायण राणे की खुली चुनौती

 13 Dec 2022  1055

ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़/मुंबई    

     महाराष्ट्र के कणकवली विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक और केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के बेटे नितेश राणे एक बार फिर से लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं. बीजेपी विधायक नितेश राणे ने ग्राम पंचायत चुनाव के चलते गांव के लोगों को धमकी दी है, ऐसी खबर सामने आयी है. नितेश राणे का कहना है कि यदि सरपंच उनकी पसंद का बना तो गांव के लिए सरकारी फंड से एक पैसा भी नहीं मिलेगा. दरअसल, नंदगांव में एक चुनावी रैली के दौरान नितेश राणे ने कहा कि यदि गांव वाले गलती से भी उनकी पसंद का सरपंच नहीं चुनते हैं, तो वो सरकारी फंड गांव तक नहीं आने देंगे और यह गांव विकास से वंचित रह जाएगा. गौर करने वाली बात ये है कि इस रैली के दौरान गांव वालों के साथ ग्राम सरपंच भी वहां पर उपस्थित थे. नितेश राणे ने स्पष्ट तौर से कहा कि यदि कोई भी गांव, जो मेरी पसंद का सरपंच चुनता है, उसे ही मेरी ओर से फंड प्राप्त होगा. उन्होंने कहा कि, "मैं कुछ भी नहीं छुपाता; मेरी ट्रेनिंग नारायण राणे स्कूल ऑफ थॉट्स में हुई है. नितेश राणे ने धमकी भरे लहजे में कहा कि, "यदि गलती से भी कोई सरपंच चुना जाता है, जो मेरी पसंद का नहीं है, तो मैं यह देखूंगा कि आपको मेरे फंड से एक रुपया भी नहीं मिले." यही नहीं ग्रामीणों को ये याद दिलाते हुए उन्होंने कहा कि वे सत्ताधारी दल के विधायक हैं. नितेश राणे ने कहा कि वोट करते समय इस बात का ध्यान रखिए कि सभी फंड मेरे हाथ में हैं, चाहे वो जिला योजना फंड हो या फिर ग्रामीण विकास फंड या फिर सेंट्रल फंड, मैं सत्ताधारी पार्टी का विधायक हूं, चाहे वो पालक मंत्री हों, कलेक्टर हों, संबंधित विभागों के मंत्री हों या डिप्टी सीएम एवं सीएम हों, मुझसे पूछे बिना कोई भी नंदगांव को वित्तीय मदद नहीं देगा, इसलिए इसे अपने दिमाग में बैठा लीजिए कि यदि सरपंच नीतेश राणे के पसंद का नहीं होगा तो नंदगांव में विकास भी नहीं होगा. वहीं दूसरी ओर शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) ने इस धमकी को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. शिवसेना (UBT) के विधायक वैभव नायक ने कहा कि, "नारायण राणे जब सीएम थे, तो उन्हें भी ऐसा ही अहंकार था. सत्ता का ऐसा ही नशा अब हम देख रहे हैं, हालांकि, सिंधुदुर्ग के लोग उन्हें वह जगह दिखाएंगे, जैसा उन्होंने पहले नारायण राणे को हराकर दिखाया था."  इस बीच महाराष्ट्र सरकार नीतेश राणे के इस बयान से दूरी बनाने का प्रयास कर रही है. उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि उन्हें नहीं पता है कि नीतेश राणे ने वास्तव में कहा क्या ? सभी को वोट मांगने और पार्टी का विस्तार करने का अधिकार है, लेकिन इसमें किसी प्रकार की दादागिरी नहीं होनी चाहिए. कुल मिलाकर केंद्रीय मंत्री के बेटे और बीजेपी विधायक नितेश राणे के विवादित बयान से महाराष्ट्र की सियासत गरमा उठी है, ऐसे में नितेश राणे के बयान से बीजेपी को फायदा होगा या नुकसान, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा.