आजाद की वापसी से कांग्रेस को मिलेगी मृत संजीवनी

 30 Dec 2022  782

ब्यूरो रिपोर्ट/in24न्यूज़    

कांग्रेस पार्टी का राजनीतिक कुनबा धीरे-धीरे कम होता जा रहा है. अपनी पार्टी को एक बार फिर से खड़ा करने के लिए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा का नेतृत्व किया तो वहीँ कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद मल्लिकार्जुन खड़गे को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया. इसी बीच खबर आ रही है कि कुछ महीने पहले पार्टी छोड़ कर जाने वाले कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता और सांसद गुलाम नबी आजाद की घर वापसी हो सकती है. कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद की घर वापसी कराने की कोशिशें तेज हो गई है. बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी की करीबी अंबिका सोनी, आजाद के संपर्क में हैं. गुलाम नबी आजाद को पहले भारत जोड़ो यात्रा में शामिल करवाने की पार्टी की रणनीति है, उसके बाद उनकी कांग्रेस में वापसी कराई जाएगी.गुलाम नबी आजाद ने इस साल अगस्त में राहुल गांधी की ‘नेतृत्व क्षमता’ पर सवाल उठाते हुए और उन्हें ‘चाटुकारों’ से घिरा हुआ बताया था. यही नहीं कांग्रेस पार्टी के साथ अपनी करीब आधा दशक पुरानी यात्रा को विराम दे दिया था. गुलाम नबी आजाद ने जम्मू-कश्मीर की राजनीति में उतरने का ऐलान करते हुए अपनी ‘आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी’ बनाई. उनके इस फैसले के बाद जम्मू-कश्मीर कांग्रेस में भी टूट का सिलसिला शुरू हो गया और कई वरिष्ठ नेता आजाद के साथ आ गए. लेकिन दुर्भाग्य इस बात का है कि ‘आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी’ गठन के 4 महीने बाद ही टूटने लगी. एक के बाद एक, कई नेताओं के गुलाम नबी आजाद का साथ छोड़कर कांग्रेस में वापसी कर ली है. सूत्रों की यदि मानें तो, आजाद राजनीतिक रूप से अब कमजोर पड़ गए हैं, और कांग्रेस में अपनी वापसी को लेकर वह सकारात्मक हैं. इधर कांग्रेस भी बिना शर्त उनकी वापसी की बात कह रही है. अंबिका सोनी ने गुलाम नबी आजाद से इस बारे में बात भी की है. हालांकि, अभी तक कुछ भी आधिकारिक रूप में नहीं कहा गया है. कांग्रेस के अंदर आजाद के नेतृत्व वाले G-23 में शामिल रहे नेता, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा भी उनसे बात कर रहे हैं. इसके अलावा बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष और G-23 के सदस्य रहे अखिलेश प्रसाद सिंह भी आजाद के लगातार संपर्क में हैं. नेशनल कॉन्फ्रेंस प्रमुख फारूक अब्दुल्ला और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने का ऐलान कर चुके हैं. इसके बाद आजाद पर भी दबाव और बढ़ गया है. कांग्रेस से बगावत करने वाले उनके कुछ और साथी भी भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने की फिराक में हैं. कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को समझा रहे हैं कि उन्हें भी भारत जोड़ो यात्रा से जुड़कर घर वापसी कर लेनी चाहिए. 

      सूत्रों की यदि मानें तो ’10 जनपथ’ के खास, राहुल गांधी के करीबी जयराम रमेश ने भी आजाद को एक मैसेज किया है. सूत्रों का कहना है कि गुलाम नबी आजाद कांग्रेस में वापसी के लिए तैयार हैं, लेकिन वह चाहते हैं कि गांधी परिवार का कोई सदस्य उनको एक फोन कॉल कर, इसके लिए कहे. लेकिन पार्टी छोड़ते वक्त जिस तरह का निजी हमला उन्होंने राहुल गांधी पर किया था, उसकी वजह से गांधी परिवार आजाद को मनाने के मूड में नहीं है. यही चुनौती उनसे बात कर रहे नेताओं के सामने भी  है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने 26 अगस्त, 2022 को सोनिया गांधी को 5 पन्नों का त्याग पत्र भेजकर पार्टी को अलविदा कह दिया था. उन्होंने लिखा था कि, ‘बहुत खेद के साथ मैंने कांग्रेस से अपना सालों पुराना रिश्ता संबंध तोड़ने का फैसला किया. कांग्रेस ने पार्टी चलाने वाली मंडली के संरक्षण में अपनी इच्छाशक्ति और क्षमता खो दी है. भारत जोड़ो यात्रा शुरू करने से पहले नेतृत्व को कांग्रेस जोड़ो यात्रा करनी चाहिए थी. कांग्रेस के चुने हुए लेफ्टिनेंट्स को पार्टी चलाने वाली मंडली द्वारा तैयार की गई सूचियों पर हस्ताक्षर करने के लिए मजबूर किया गया है. पार्टी में बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने के लिए नेतृत्व पूरी तरह से जिम्मेदार है. कांग्रेस में कमजोरियों के बारे में बताने वाले 23 नेताओं को गालियां दी गई, उन्हें अपमानित और बदनाम किया गया. कांग्रेस उस दहलीज पर पहुंच गई है, जहां से वापसी नहीं कर सकती. पार्टी का नेतृत्व संभालने के लिए ‘प्रॉक्सी’ का सहारा लिया जा रहा है.’ उन्होंने कांग्रेस की दुर्गति के लिए सीधे-सीधे राहुल गांधी को जिम्मेदार ठहराया था और उन्हें अयोग्य बताया था. फिलहाल पार्टी छोड़कर गए गुलाम नबी आजाद की यदि वास्तव में घर वापसी हुई तो ये मृत अवस्था में पड़ी कांग्रेस पार्टी के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं होगी.