कर्नाटक स्थानीय निकाय चुनाव में कांग्रेस आगे भाजपा और जेडीएस पीछे

 03 Sep 2018  972
संवाददाता/in24 न्यूज़। विधानसभा चुनाव के बाद कर्नाटक में एक बार फिर भाजपा, कांग्रेस और जनता दल सेक्युलर(एस) के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। तीनों ही पार्टियां नगर निकाय चुनाव में आमने-सामने हैं। राज्य के शहरी स्थानीय निकायों पर वोटों की गिनती हो रही है। अभी तक के नतीजों में तीनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। हासन जिले में जेडीएस ने 31 में से 6 वार्डों पर जीत दर्ज कर ली है। वहीं 2664 सीटों में से 1412 सीटों का नतीजा आ गया है। इसमें कांग्रेस को 846, भाजपा को 788, जेडीएस को 307 सीटें और निर्दलीय उम्मीदवारों को 277 सीटें मिली हैं। चन्नापटना की सभी 2 सीटों पर जेडीएस को जीत मिली है। वहीं अन्य निकायों में भाजपा और कांग्रेस के बीच करीबी मुकाबला देखने को मिल रहा है। निकाय चुनाव के लिए 31 अगस्त को वोट डाले गए थे। जिसमें तीनों ही दल अलग-अलग मैदान में उतरे थे। इन चुनावों को 2019 के लोकसभा चुनावों से जोड़कर देखा जा रहा है। माना जा रहा है जो पार्टी इन चुनावों में जीत हासिल करेगी वही अगले साल लोकसभा चुनाव में जीतेगी। निकाय चुनाव पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'कांग्रेस पीछे नहीं है। वहं कड़ी टक्कर है और यदि आप सेक्युलर वोटों को मिला दें तो वह सबसे ज्यादा हैं। यह चुनाव छोटे मुद्दों और स्थानीय उम्मीदवार पर आधारित हैं। इन नतीजों की ज्यादा प्राथमिकता नहीं है।' इस समय 29 से ज्यादा नगरपालिकाओं में फैले 2,592 वार्डों, 53 कस्बों की नगर पालिकाओं, 23 नगर पंचायतों और तीन नगर निगमों के 135 वार्डों में हुए चुनाव के मतों की गणना कड़ी सुरक्षा के बीच चल रही है। इन सीटों पर 8,340 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होना है। शहरी निकाय चुनावों में कांग्रेस के 2,306, भाजपा के 2,203 और जेडीएस के 1,397 उम्मीदवार मैदान में हैं। इसके अलावा 814 शहर निगमों में कांग्रेस के 135, भाजपा के 130 और जेडीएस से 129 उम्मीदवार मैदान में हैं। माना जा रहा है कि सोमवार रात या मंगलवार सुबह तक अधिकांश नतीजे आ जाएंगे। साल 2013 में 4976 सीटों पर चुनाव हुआ था जिसमें कांग्रेस को 1960, भाजपा और जेडीएस को 905-905 सीटें मिली थीं। वहीं निर्दलीय उम्मीदवारों को 1206 सीटें मिली थीं।