महाराष्ट्र के पुणे शहर में वारकरी संप्रदाय के लोगों पर लाठीचार्ज !

 12 Jun 2023  320

संवाददाता/in24 न्यूज़।  

महाराष्ट्र के कोल्हापुर में हुई हिंसा की आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि एक और खबर से महाराष्ट्र की राजनीति में सियासी भूचाल आ गया.दरअसल महाराष्ट्र के आलंदी शहर में स्थित संत ज्ञानेश्वर समाधि मंदिर में कुछ श्रद्धालु प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे जिसे पुलिस ने रोकने की कोशिश की तो श्रद्धालुओं और पुलिस के बीच तीखी बहस हो गई और देखते ही देखते यह बहस विवाद में तब्दील हो गई.महाराष्ट्र के पुणे शहर से 22 किलोमीटर के अंतराल पर स्थित आलंदी शहर में यह घटना लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बना है. लोग अपने-अपने तरीके से इस घटना पर प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वहीं राजनीतिक दल के नेता भी इससे अछूते नहीं हैं. महाराष्ट्र में विपक्ष ने शिंदे फडणवीस सरकार पर निशाना साधते हुए दावा किया है कि शिंदे फडणवीस सरकार की पुलिस ने महाराष्ट्र के वारकरियो पर लाठीचार्ज किया है, जिसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और दोषियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए।      

       वहीं दूसरी ओर महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पुणे के आलंदी शहर में पुलिस द्वारा वारकरियों पर लाठीचार्ज की बात से साफ इंकार कर दिया है उन्होंने कहा कि वारकरी जिन्हें भगवान विट्ठल का भक्त कहा जाता है, उनके साथ किसी भी तरह की कोई अभद्रता नहीं हुई है. हालांकि पिछली घटनाओं से सबक लेते हुए पुलिस ने एहतियात बरतने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस और वारकरियों के बीच मामूली हाथापाई हुई. लाठी चार्ज की बात को देवेंद्र फडणवीस ने सिरे से खारिज कर दिया। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने पिछले साल इसी आलंदी में हुई भगदड़ जैसी स्थिति से सबक सीखा है और विभिन्न समूहों को एंट्री पास देने का निर्णय किया है, जिसके तहत यहां आने वाले सभी समूह को 75 पास जारी करने का फैसला प्रशासन के द्वारा किया गया है. लेकिन उसी दौरान 400 से 500 युवाओं ने जोर देकर कहा था कि वे तीर्थ यात्रा में भाग लेंगे और एंट्री पास के फैसले का पालन नहीं करेंगे, जिसके बाद यह घटना हुई जिसमें युवाओं ने संत ज्ञानेश्वर समाधि मंदिर के पास लगे बैरिकेड्स  तोड़ दिए। पुलिस ने जब उन्हें रोकने की कोशिश की तो वे पुलिसकर्मियों से भिड़ गए, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल भी हो गए हैं. देवेंद्र फडणवीस ने दावे के साथ कहा है कि आलंदी में स्थिति नियंत्रण में है और इस घटना को उन्होंने गंभीरता से संज्ञान में लिया है इसके साथ-साथ उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से अपील की है कि इस मामले में किसी भी तरह की राजनीति करने से बचें। साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हे कुछ राजनेताओं पर दया आती है जो इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने की कोशिश कर रहे हैं.
    बहरहाल मामला कोई भी हो, यदि बात कायदा व सुव्यवस्था की आती है तो इसे नियंत्रित करना जितनी जिम्मेदारी पुलिस की है, उतनी ही जिम्मेदारी आम जनमानस की है. लेकिन राजनीतिक दल के नेता कभी-कभी बनते काम को भी बिगाड़ देते हैं और अपनी राजनीतिक बयानबाजी से माहौल खराब कर देते हैं. कभी - कभी उनका वक्तव्य आग में घी का काम कर जाता है जो न सिर्फ आम आदमी बल्कि पूरे समाज के लिए घातक साबित होने लगता है. इसलिए जनता और सरकार के बीच समन्वयन होना बेहद जरूरी है ताकि समाज का हर वर्ग जागरूक हो सके।