गुजरात में 'बिपरजॉय' का बढ़ा खतरा, पीएम ने की मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से बात

 13 Jun 2023  604
संवाददाता/in24 न्यूज़।
समुद्री चक्रवात बिपरजॉय जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे - वैसे विकराल रूप धारण करता जा रहा है। जिसका मुंबई और  गुजरात के तटीय क्षेत्रों में असर दिख रहा है। चक्रवात के और करीब आने से राज्य के कई हिस्सों में बारिश दर्ज की गई है। तो वहीं कच्छ और सौराष्ट्र के सभी बंदरगाहों पर 9 से 10 नंबर के सिग्नल लगा दिए गए है। राज्य में चक्रवात का असर बढ़ने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देर रात राज्य के मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल से बात की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र से हरसंभव मदद कर भरोसा दिया। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बिपरजॉय से संभावित नुकसान को कम करने और निपटने के उपायों के बारे में जानकारी दी। मुख्यमंत्री ने खुद ट्वीट करके टेलीफोन पर बातचीत होने की जानकारी दी।
 
      मौसम विभाग ने समुद्री चक्रवात बिपरजॉय को देखते हुए सौराष्ट्र और कच्छ के आठ जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी किया है। इनमें कच्छ, देवभूमि द्वारका, जामनगर, पाेरबंदर, जूनागढ़, राजकोट, अमरेली और गिर सोमनाथ जिले शामिल हैं। मौसम विभाग के अनुसार इन जिलों में बारिश होगी। तो वहीं शेष गुजरात को ग्रीन जोन में रखा है और कोई विशेष चेतावनी जारी नहीं की। बिपरजॉय के इफेक्ट के चलते राज्य के कई शहरों में बारिश हुई है। सबसे ज्यादा बारिश वेरावल में हुई। यहां पर 5 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। तो गुजरात के तटीय क्षेत्रों द्वारका में समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। मौसम विभाग के अनुसार 13 जून को जब चक्रवात गुजरात के तट की ओर बढ़ेगा तो समुद्री लहरों की ऊंचाई और बढ़ सकती है। इसके साथ राज्य में आठ जिलों हल्की से भारी बारिश होगी।
 
        सैकड़ों किलोमीटर की दूरी से ही गुजरात के तटीय क्षेत्रों को प्रभावित कर रह समुद्री चक्रवात कच्छ के नलिया और पाकिस्तान के कराची के बीच टकराने का अनुमान है। ऐसे में गुजरात के कच्छ के सर्वाधिक प्रभावित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। कच्छ में स्थित कांडला बंदरगाह को पूरी तरह से खाली करा लिया गया है। बंदरगाह पर कई हजार ट्रकों के पहिए थम गए हैं। सभी ट्रक चालकों और स्टाफ को सुरक्षित शेल्टर हाउस में शिफ्ट किया गया है। बिपरजॉय अभी भी गुजरात से काफी दूर है। यह 13 जून की रात में गुजरात के तटीय क्षेत्रों के काफी करीब आ जाएगा। इसके बाद इस तूफान के चलते तटीय क्षेत्रों में हवा की गति और तेज हो सकती है। चक्रवात 15 जून को दोपहर 12 बजे कच्छ से टकराने के आसार हैं।