नवाब मलिक ने मेडिकल के आधार पर हाई कोर्ट से मांगी जमानत, ईडी ने किया विरोध।

 17 Jun 2023  150
संवाददाता/in24 न्यूज़।   

 एनसीपी नेता नवाब मलिक की जमानत याचिका पर शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट ने  अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। मलिक ने मेडिकल आधार पर कोर्ट से जमानत की मांग की थी। प्रवर्तन निदेशालय ने पुराने गुर्दा रोग से पीड़ित होने के आधार पर मांगी गई जमानत का बॉम्बे हाई कोर्ट में यह कहते हुए विरोध किया है कि कई लोग सिर्फ एक गुर्दे के साथ सामान्य जीवन जी रहे हैं। ईडी ने महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री मलिक को फरवरी 2022 में भगोड़े दाऊद इब्राहिम और उसके सहयोगियों की गतिविधियों से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया था। मलिक फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। उनका यहां एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है। मलिक ने चिकित्सा आधार पर हाई कोर्ट से जमानत मांगी थी, जिसमें दावा किया गया था कि वह गुर्दे की पुरानी बीमारी से पीड़ित हैं। न्यायमूर्ति अनुजा प्रभुदेसाई की एकल पीठ ने शुक्रवार को इस मामले में दोनों पक्षों की दलीलें सुनी और उसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। मलिक के वकील अमित देसाई ने अदालत में कहा कि उनके मुवक्किल की सेहत पिछले आठ महीने से बिगड़ रही है। इस समय उनकी किडनी की बीमारी दूसरे से तीसरे चरण में पहुंच चुकी है।

          पूर्व मंत्री और एनसीपी नेता नवाब मलिक को प्रवर्तन निदेशालय ने मनी लॉन्ड्रिंग और अंडरवर्ल्ड से कनेक्शन के जुर्म में गिरफ्तार किया था। तब अदालत में जिरह के दौरान ईडी ने मलिक पर टेरर फंडिंग का आरोप लगाया था। ईडी ने तब अदालत में कहा था कि नवाब मलिक अंडरवर्ल्ड के लोगों से तालुकात रखते हैं और उनके साथ हवाला जैसी अवैध गतिविधियों में भी शामिल हैं। ईडी ने कहा था कि नवाब मलिक टेरर फंडिंग जैसी गतिविधियों में लिप्त हैं और इस मामले की आगे की जांच होना जरूरी है। तभी उनके और अंडरवर्ल्ड के कनेक्शन का पर्दाफाश हो सकेगा। इसके अलावा नवाब मलिक ने तत्कालीन नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के अधिकारी समीर वानखेड़े पर भी गंभीर आरोप लगाये थे। मलिक ने तब कहा था कि समीर वानखेड़े एनसीबी की आड़ में एक्सटॉरशन का रैकेट चलाते हैं। साथ वह पैसे वाले लोगों को झूठे मामले में फंसाने का डर दिखाकर पैसे वसूले थे। इसके लिए उन्होंने एक प्राइवेट आर्मी बना रखी थी।