बीजेडी और वाईएसआर के समर्थन से सरकार के लिए दिल्ली बिल का रास्ता साफ

 02 Aug 2023  949
संवाददाता/in24 न्यूज़।

संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मणिपुर हिंसा को लेकर जारी विरोध के बीच लोकसभा में मंगलवार को दिल्ली अध्यादेश बिल पेश किया गया। यह विधेयक दिल्ली में ग्रुप-ए के अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग पर आए अध्यादेश की जगह लेने के लिए लाया गया है। इस बिल को लोकसभा में दो प्रभावशाली क्षेत्रीय दलों वाईएसआर कांग्रेस और बीजेडी यानि बीजू जनता दल के जरूरी 18 वोट मिले। बीजेडी के समर्थन के बाद सरकार की राहत थोड़ी आसान जरूर हो गई है। अब राज्यसभा में भी दिल्ली अध्यादेश पारित होना लगभग तय है। एक ओर जहां वाईएसआरसीपी और बीजेडी ने इसका समर्थन किया तो कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, शशि थरूर, गौरव गोगोई, आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन, तृणमूल कांग्रेस के सौगत राय और एआईएमआईएम के असदुद्दीन ओवैसी ने इसका विरोध किया।

     आंध्र प्रदेश और ओडिशा की सत्ताधारी पार्टियों के खुले समर्थन के बाद 237 की प्रभावी ताकत वाले सदन में बिल का समर्थन करने के लिए सांसदों की संख्या सीधे 130 से बढ़ गई। बीजू जनता दल (बीजेडी) के राज्यसभा सदस्य सस्मित पात्रा ने मंगलवार को कहा कि हमारी पार्टी दिल्ली सेवा अध्यादेश संबंधी विधेयक का समर्थन करेगी और सरकार के खिलाफ विपक्ष द्वारा पेश किए गए अविश्वास प्रस्ताव का विरोध करेगी। पार्टी ने इसके लिए बाकायदा एक व्हिप जारी किया है। ओडिशा के सत्ताधारी दल के फैसले से मोदी सरकार को राज्यसभा में बहुमत मिलने की दिशा में मदद मिलेगी। राज्यसभा में बीजेपी के नेतृत्व वाले गठबंधन को बहुमत नहीं है। राज्यसभा में बीजू जनता दल के नौ सदस्य हैं। इसके अलावा वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के पदाधिकारी वी विजयसाई रेड्डी ने बताया, 'हम दिल्ली बिल पर सरकार के पक्ष में वोटिंग करेंगे।
       संसद में इस बिल का विरोध कर रहे विपक्षी दलों ने कहा कि सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटने की कोशिश कर रही है। इसका जवाब खुद गृहमंत्री अमित शाह ने दिया। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के हवाले से बिल पेश किए जाने का विरोध किया जा रहा है लेकिन उसी आदेश में अदालत ने साफ किया है कि संसद, दिल्ली संघ राज्य क्षेत्र के लिए कानून बना सकती है। शाह ने यह भी कहा कि संविधान का अनुच्छेद 239 ए केंद्र को दिल्ली पर एक विधेयक लाने की शक्ति देता है। इसके बाद सदन ने ध्वनिमत से विधेयक पेश किए जाने की मंजूरी दे दी।