बनारस से मोदी के ख़िलाफ़ लड़ सकते हैं बिहारी बाबू
12 Oct 2018
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
पिछले काफी समय से बीजेपी सांसद शतुघ्न सिन्हा पार्टी के खिलाफ मोर्चा खोलते रहे हैं, अब उनका एक नया प्रेम अखिलेश यादव के साथ शुरू होता दिखने लगा है. गौरतलब है कि भाजपा नेतृत्व से पिछले काफी समय से असंतुष्ट चल रहे सांसद शत्रुघ्न सिन्हा 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों में वाराणसी से समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार हो सकते हैं। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। सिन्हा यदि वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें पूरे महागठबंधन का समर्थन हासिल होगा। महागठबंधन में फिलहाल उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी तो साथ खड़े नजर आ ही रहे हैं, चुनाव करीब आते-आते इसमें कांग्रेस और कुछ स्थानीय दल भी शामिल हो सकते हैं। विपक्ष का प्रयास है कि प्रधानमंत्री को उनके संसदीय क्षेत्र में घेरा कर रखा जाये और उनके खिलाफ मजबूत उम्मीदवार खड़ा किया जाये। 2014 के लोकसभा चुनावों में अरविंद केजरीवाल ने मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ा था लेकिन वह बुरी तरह हार गये थे। हालांकि वाराणसी भाजपा का पुराना गढ़ रहा है लेकिन यहां से भाजपा के टिकट पर डॉ. मुरली मनोहर जोशी चुनाव हार भी चुके हैं। सिन्हा ने वाराणसी को इसलिए भी चुना है क्योंकि यहां कायस्थ समाज का अच्छा खासा प्रभुत्व है। उल्लेखनीय है कि सिन्हा कायस्थ हैं। साथ ही वाराणसी बिहार से सटा हुआ भी है और पूर्वांचल का क्षेत्र होने के नाते यहां से उन्हें चुनाव में फायदे की उम्मीद है। इसके अलावा गुजरात में जिस तरह से पूर्वांचल के लोगों को भागने पर मजबूर किया गया उससे वाराणसी में भी नाराजगी है क्योंकि भगाये गये लोगों में वाराणसी के लोग भी बताये जा रहे हैं।