भारत के लौह पुरुष की प्रतिमा अनावरण में बीजेपी के लौह पुरुष क्यों नहीं?

 01 Nov 2018  1154
संवाददाता/in24 न्यूज़.   

सरदार वल्लभभाई पटेल को भारत का लौह पुरुष माना जाता है, उसी तरह लालकृष्ण आडवाणी को बीजेपी का लौह पुरुष कहा जाता है. सवाल है कि सरदार पटेल की 143 वीं जयंती के अवसर पर जब स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी यानि सरदार पटेल की विश्व में सर्वाधिक ऊंचाई वाली प्रतिमा का अनावरण पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा किया गया तब लालकृष्ण आडवाणी की मौजूदगी क्यों नहीं रही? क्यों लाल कृष्ण आडवाणी इस ऐतिहासिक समारोह में शामिल नहीं हुए? 

गौरतलब है कि सरदार पटेल की जयंती पर गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दुनिया की सबसे ऊंची स्टेच्यू ऑफ यूनिटी का अनावरण किया। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, गुजरात के मुख्यमंत्री रुपाणी, आनंदीबेन पटेल समेत भाजपा के कई बड़े नेता मौजूद थे, लेकिन भाजपा के 'लौह पुरुष' कहे जाने वाले लालकृष्ण आडवाणी का इस समारोह में शामिल नहीं होने से कई सवाल उठ रहे हैं वहीँ अनेक तरह की अटकलें भी लगाई जा रही हैं.
गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल की दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया। इस कार्यक्रम में भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की अनुपस्थिति चर्चा का विषय रही। लालकृष्ण आडवाणी और देश के लौह पुरुष वल्लभभाई पटेल के बीच कई विशेषताएं समान हैं। दोनों देश के उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री रह चुके हैं।

आडवाणी सरदार वल्लभभाई पटेल के प्रशंसक हैं। इसके बावजूद उनकी गैरमौजूदगी ने कई भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं को सवाल उठाने का मौका दे दिया। खबरें आईं कि आडवाणीजी का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने से वे इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। कुछ लोगों का कहना था कि वे अपनी मर्जी से कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। गुजरात कांग्रेस के कई नेता भी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। नेताओं ने आरोप लगाया कि उन्हें प्रोटोकॉल के अनुरूप आमंत्रित ही नहीं किया गया।
ज़ाहिर है कि लालकृष्ण आडवाणी देश की राजनीति के लौह पुरुष माने जाते हैं और किसी भी बड़े नेता को बुलाया जाता है तो एक प्रोटोकॉल के अनुसार ही बुलाया जाता है.