मायावती की पार्टी बहुजन समाज पार्टी ने तय किया है कि अबकी बार के चुनाव में हाईटेक प्रचार से दूर रहकर पारंपरिक तरीकों से ही प्रचार प्रसार के तरीकों पर ध्यान देगी. गौरतलब है कि बसपा का प्रचार पुराने परंपरागत तरीके से ही होगा जिसमें अधिक से अधिक स्थानों पर पार्टी प्रमुख मायावती की जनसभाएं आयोजित करना और कार्यकर्ताओं द्वारा गांव-गांव, बूथ-बूथ जाकर जनसंपर्क अभियान करना शामिल हैं। इसका मतलब यह कि बसपा के प्रचार प्रसार में न तो बड़े बड़े एलईडी लगेंगे, न हाईटक रथ और न ही कोई आईटी सेल सोशल मीडिया पर प्रचार प्रसार की जंग में विरोधी पार्टियों से दो-दो हाथ करेंगी। बसपा प्रमुख मायावती वैसे तो कुछ दिन पहले ही पहली बार ट्विटर पर आई थी और देखते ही देखते उनके फॉलोअर की संख्या करीब डेढ. लाख तक पहुंच गयी है। हालांकि कुछ बड़ी जनसंपर्क एजेंसिया सोमवार को बसपा के लखनऊ स्थित कार्यालय गई थी और पार्टी के कुछ नेताओं के सामने अपने काम का प्रस्तुतीकरण भी किया था लेकिन उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला था।