महाराष्ट्र में सरकार बनने पर सस्पेंस बरकरार

 08 Nov 2019  805

संवाददाता/in न्यूज़.    
महाराष्ट्र में किसकी सरकार बनेगी यह अबतक पूरी तरह स्पष्ट नहीं है. मगर जिस तरह शिवसेना बीजेपी के रिश्तों में खटास आई है उससे पूरा प्रकरण पेचीदा हो गया. भाजपा नेताओं ने गुरुवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात की. हालांकि, इस मुलाकात के दौरान भाजपा ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. बस सरकार बनने में देरी के बारे में बताया गया. इस बीच, शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी गुरुवार को पार्टी विधायकों के साथ अपने आवास पर बैठक की. इस बैठक के बाद उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो पहले तय हुआ था, हमें वह चाहिए. इधर, शिवसेना के तमाम विधायकों को एक फाइव-स्टार होटल में शिफ्ट किया गया है. शिवसेना की तरफ से डर जाहिर किया गया था कि भाजपा उसके विधायकों की खरीद-फरोख्त कर सकती है. शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि उनकी पार्टी के विधायक डटे हुए हैं और डरना उन्हें चाहिए जो ऐसी अफवाह फैला रहे हैं. वहीं, भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि भाजपा अल्पमत की सरकार नहीं बनाएगी. इस बीच, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राज्य में सरकार बनाने पर जल्द फैसला लिया जायेगा. उन्होंने कहा कि चूंकि भाजपा ने शिवसेना से ज्यादा सीटें जीती हैं, इसलिये मुख्यमंत्री उन्हीं की पार्टी का होगा. केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि देवेंद्र फडणवीस ही महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने इस संभावना से इनकार किया कि वह दिल्ली छोड़ कर महाराष्ट्र वापस जायेंगे. शिवसेना से खींचतान पर उन्होंने कहा कि जिस पार्टी के ज्यादा विधायक होते हैं, मुख्यमंत्री उसी का होता है. भाजपा के पास राज्य में 105 विधायक हैं. इसलिए यह साफ है कि मुख्यमंत्री भाजपा का ही होगा. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ का महाराष्ट्र सरकार गठन से कोई संबंध नहीं है. उन्होंने खुद के महाराष्ट्र की राजनीति में वापसी को लेकर चल रही खबरों पर कहा कि वह केंद्र में ही बने रहेंगे. महाराष्ट्र वापस जाने का कोई सवाल ही नहीं है. नई सरकार के गठन को लेकर अगर शुक्रवार तक फैसला नहीं हुआ तो सीएम देवेंद्र फडणवीस इस्तीफा दे सकते हैं. सूत्रों के मुताबिक, शुक्रवार शाम तक सीएम सहित सारे मंत्री अपनी सरकारी गाड़ियां और बाकी सुविधएं वापस कर सकते हैं. भाजपा सिर्फ शुक्रवार शाम तक का इंतजार करेगी. चर्चा यह भी है शिवसेना-भाजपा के बीच बातचीत फिलहाल पूरी तरह से ठप हो चुका है जिसके चलते कोई हल निकलता नजर नहीं आ रहा.है.