ज्योतिरादित्य की दादी ने 1967 में गिराई थी कांग्रेस की सरकार

 11 Mar 2020  640

संवाददाता/in24 न्यूज़.
आज हर तरफ ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से बीजेपी में जाने की चर्चा हो रही है. मध्यप्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल मचाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के जल्द भाजपा में शामिल हो रहे हैं. बता दें कि ज्योतिरादित्य की दादी विजयाराजे सिंधिया ने 1967 में कांग्रेस से इस्तीफ़ा दे दिया था और वह जनसंघ में शामिल हो गई थी. वह गुना लोकसभा सीट से जनसंघ के टिकट पर चुनाव जीती थी. वह भाजपा के संस्थापक सदस्यों में से एक थीं. ख़बरों के मुताबिक़ भाजपा नेता अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह की उपस्थिति में वह भाजपा मी शामिल हो सकते हैं. ऐसा कहा जा रहा है कि कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने वाले 22 कांग्रेस विधायक भी सिंधिया के साथ हैं. कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि उन्हें ज्योतिरादित्य से पार्टी से इस्तीफा देने की उम्मीद नहीं की थी. उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी दुखी करने वाला है क्योंकि अपने पिता माधवराव की जयंती पर उन्होंने पार्टी छोड़ी है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पार्टी छोड़ने के लिए एक खास दिन को चुना. उन्होंने अपने पिता माधवराव सिंधिया की 75वीं जयंती के दिन कांग्रेस के साथ अपना रिश्ता ख़त्म किया. हालांकि उनका इस दिन को चुनना कोई संयोग नहीं है. इस कदम के पीछे एक ऐतिहासिक महत्व है और इसके लिए ग्वालियर के राजवंश और गांधी नेहरू वंश के के इतिहास को समझना आवश्यक है. 1967 में जब मध्यप्रदेश में जब डीपी मिश्रा की सरकार थी तब कांग्रेस से नजर होकर राजमाता विजयराजे सिंधिया कांग्रेस छोड़कर जनसंघ में शामिल हो गई.  उन्होंने जनसंघ के टिकट पर गुना लोकसभा सीट से चुनाव जीता. एक बार फिर से इतिहास ने खुद को दोहराया है. ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी अपने पिता और दादी की राह पर चलकर कांग्रेस से अलग होने का ऐलान किया है.