कोरोना का हल लॉकडाउन नहीं : राहुल गांधी

 16 Apr 2020  633

संवाददाता/in24 न्यूज़.
लॉकडाउन और कोरोना के कहर के बीच कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मीडिया से बातचीत में राहुल गांधी ने कहा कि लॉकडाउन कोरोना का हल नहीं है। यह एक तरह से पॉज बटन की तरह है। राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैंने पिछले एक-दो महीने में कई एक्सपर्ट्स से बात की है, लॉकडाउन कोरोना संकट का हल नहीं है। यह कुछ समय के लिए कोरोना को रोक सकता है, मगर खत्म नहीं कर सकता है। जब  देश लॉकडाउन से बाहर आएगा तो इसका असर फिर से दिखना शुरू हो जाएगा। लॉकडाउन सिर्फ तैयारी करने का वक्त देता है। लॉकडाउन से कोरोना वायरस को नहीं हरा पाएंगे। राहुल गांधी ने मोदी सरकार को सलाह देते हुए कहा कि देश में रणनीति के तहत टेस्टिंग होनी चाहिए और टेस्ट की संख्या भी बढ़ाई जानी चाहिए। अगर कोरोना वायरस से लड़ना है तो टेस्टिंग को बड़े पैमाने पर बढ़ाना होगा। हमें उन इलाकों में भी टेस्टिंग करनी होगी जहां केस नहीं हैं। रैंडम टेस्टिंग की देश में जरूरत है। इस कोरोना वायरस के खिलाफ पूरे देश को एकजुट होना पड़ेगा। राहुल गांधी ने कहा कि कोरोना से लड़ने के लिए देश को दो मोर्चों पर ज्यादा काम करने की जरूरत है- एक हेल्थ और दूसरा अर्थव्यवस्था। फूड का सेफ्टी नेट तैयार करना होगा। जिनके पास राशन कार्ड नहीं हैं, उन्हें भी मुफ्त राशन दीजिए। साथ ही न्याय योजना के तहत पैसे दीजिए, भले ही आप इस योजना का नाम न दें और दूसरा नाम यूज करें। सिर्फ लॉकडाउन से ही बात नहीं बनेगी, आपको अपनी ताकत और संसाधन का सही से इस्तेमाल करना होगा। कोरोना के खिलाफ देश को एकजुट होकर लड़ना होगा। लॉकडाउन से बात नहीं बनी है, क्योंकि यह महामारी कुछ समय के लिए रुक गई है। इससे पहले बुधवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लॉकडाउन के कारण अन्न संकट से जूझ रहे गरीबों को राशन उपलब्ध कराने के लिए आपातकालीन राशन कार्ड जारी करने की अपील की है। उन्होंने कहा कि देश में सरकार के पास किसी चीज की कोई कमी नहीं है। गोदामों में राशन पयार्प्त मात्रा में उपलब्ध है और लॉकडाउन में जो गरीब अन्न की किल्लत झेल रहे हैं उनको सार्वजनिक वितरण प्रणाली-पीडीएस के तहत इन कार्जों के माध्यम से राशन दिया जाना चाहिए।