चारा नहीं पचा पाए लालू यादव

 08 May 2017  1421

लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट का झटका

ब्यूरो रिपोर्ट/ in24 न्यूज़, नई दिल्ली

बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव को सुप्रीम कोर्ट का भारी झटका लगा है। लालू प्रसाद यादव के खिलाफ चार अलग अलग घोटालों से संबंधित मामला कोर्ट में चलेगा। आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की दलीलों को स्वीकार कर लिया है। झारखंड हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद के खिलाफ साजिश और अन्य धाराएं हटा दी थी, वैसे लालू प्रसाद की दलील थी कि एक मामले के लिए अलग-अलग केस नहीं चल सकते। सीबीआई ने झारखंड हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी थी और कहा था कि साजिश का मामला चलना चाहिए और अलग अलग मामले चलने चाहिए क्योंकि लालू प्रसाद यादव का हर मामले में अलग अलग रोल है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई के फैसले को स्वीकार किया और इसी तरह अब अलग अलग मामले चलते रहेंगे और लालू यादव को आपराधिक साज़िश रचने के मुकदमे का सामना करना पड़ेगा।

[caption id="attachment_1644" align="alignnone" width="300"] Lalu Prasad Yadav with Lawyer Ram Jethmalani[/caption]

सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट से पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव पर चार घोटाले में अतिरिक्त धारा में चार्ज लगाने की गुहार लगाई थी। झारखंड हाई कोर्ट ने साज़िश के चार्ज हटा दिए थे। हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को प्रस्तुत किया।लालू यादव पर 6 अलग अलग मामले रुके हुए है। इन 6 मामलों में से एक मामले में उन्हें 5 साल की सजा हो चुकी है। बाकी मामले हाई कोर्ट में अब तक पेंडिंग है।

[caption id="attachment_1646" align="alignnone" width="300"] Jharkhand High Court[/caption]

आपको बता दें कि मामले की सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद यादव की तरफ से उनके वकील राम जेठमलानी ने कहा था कि सभी मामलों में आरोप एक जैसे हैं इसीलिए मामले को लेकर अलग अलग केसों को सुनने की जरूरत नहीं है। वहीँ सीबीआई की तरफ से रंजीत कुमार ने कहा था कि लालू प्रसाद के खिलाफ 6 अलग अलग मामले दर्ज हैं।

20 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। झारखंड हाई कोर्ट ने लालू यादव के खिलाफ कुछ धाराओं में केस रद्द कर दिया था जिसे सुप्रीम कोर्ट में सीबीआई ने चुनौती दी थी। हाई कोर्ट ने साजिश का चार्ज रद्द कर दिया था। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि लालू यादव पर सबूत नष्ट करने की धारा-201 और आईपीसी की धारा-511 के तहत केस चलेगा।