करवा चौथ से जुड़ा है सुहागन का श्रृंगार और पति की लंबी आयु

 26 Oct 2018  1639

कल्पना ठाकुर/in24 न्यूज़।
   संस्कृति प्रधान भारत में त्यौहारों का एक अलग ही महत्व है और त्यौहारों की अपनी- अपनी मान्यताएं होती हैं. करवाचौथ एक ऐसा अनोखा त्यौहार है जिसे सुहागन स्त्रियां अपने पति की दीर्घायु और कल्याण के लिए रखती हैं, करवाचौथ की अपनी कथा है जिसे स्त्रियां व्रत के दिन सुनती हैं। वैसे तो करवाचौथ की कई कहानियां हैं, मगर सबका अर्थ एक ही जैसा है।  मान्यता यह है कि करवा चौथ के दिन कथा का पढ़ा जाना काफ़ी महत्वपूर्ण है। यह प्रथा सदियों से चली आ रही है और सुहागन महिलाएं इस व्रत को करती हैं. मान्यता तो यह भी है कि सुहागन स्त्रियां अपनी सुहागन सास के लिए भी श्रृंगार की वस्तुएं मांगती हैं और उन्हें सौंपकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करती हैं.  
कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ मनाया जाता है  इसमें गणेश जी का पूजन किया जाता है. इस व्रत में यह भी मान्यता है कि विवाहित लड़कियों के यहाँ चीनी के करवे पीहर से भेजे जाते हैं। 
करवा चौथ की तैयारी के लिए महिलाएं बाज़ार जा कर अपने श्रृंगार की सारी वस्तुऐं खरीदती हैं और अपने प्रीतम के लिए सजती संवरती हैं। इस दिन ज्यादातर महिलायें लाल लिवास में बहुत ही खूबसूरत नज़र आती हैं। दिन भर भूखी रहकर रात्रि में छलनी से चंद्रमा और अपने पति का मुख देखकर ही अपना व्रत तोड़ती हैं और इस तरह से करवा चौथ मनाती हैं। इस व्रत के तहत सुहागन अपने पतियों से तोहफे की भी काफ़ी उम्मीद रखती हैं.