मां दुर्गा की तरह जय श्री राम का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है : अमर्त्य सेन

 06 Jul 2019  974
संवाददाता/in 24 न्यूज़.

भारत भले ही धर्मनिरपेक्ष देश है, मगर यहां कई बार धर्मनिरपेक्षता मामले में हिंसक घटनाएं देखने को मिली हैं. पश्चिम बंगाल में जय श्री राम के मामले में जो घटनाएं सामने आईं उसके बाद तनावपूर्ण माहौल तक देखा गया. इस सम्बन्ध में एक बड़ा बयां सामने आया है कि  मां दुर्गा की तरह जय श्री राम का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा हैगौरतलब है कि नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन कहा है कि जय श्री राम का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है. उन्होंने कहा कि मां दुर्गा की तरह जय श्री राम का नारा बंगाली संस्कृति से नहीं जुड़ा है. सेन ने कहा कि जय श्री राम के नारे का इस्तेमाल लोगों को पीटने के बहाने के तौर पर किया जाता है. जाधवपुर यूनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम के दौरान अमर्त्य सेना कहा कि मां दुर्गा बंगालियों के जीवन में सर्वव्याप्त है.

अमर्त्य सेन ने कहा कि, ‘‘मैंने अपनी चार साल की पोती से पूछा कि उसके पसंदीदा भगवान कौन है? उसने जवाब दिया कि मां दुर्गा. मां दुर्गा हमारी जिंदगी में मौजूद हैं. मुझे लगता है कि जय श्रीराम जैसा नारा लोगों को पीटने के लिए आड़ के तौर पर प्रयोग किया जाता है." उन्होंने कहा कि, "आजकल कोलकाता में रामनवमी ज्यादा मनाई जाती है जो उन्हें पहले देखने को नहीं मिलती थी.