आम्रपाली ग्रुप के 42 हज़ार खरीदारों को सुप्रीम कोर्ट से राहत

 23 Jul 2019  989

संवाददाता/in24 न्यूज़.  

हर किसी का सपना होता है कि उसका अपना एक घर हो, मगर आम्रपाली ग्रुप ने जिस तरह घर की चाहत रखने वालों के साथ विश्वासघात किया उससे आम्रपाली ग्रुप को कानूनी रूप से सबक सिखाया गया है. गौरतलब है कि आम्रपाली समूह के 42,000 खरीदारों को राहत देते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को रियल एस्टेट कंपनी का रेरा पंजीकरण रद्द कर दिया और सरकारी राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम लिमिटेड (एनबीसीसी) को कंपनी की लंबित परियोजनाएं पूरी करने का निर्देश दिया है.  न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा और न्यायमूर्ति यू.यू. ललित की सदस्यता वाली पीठ ने कहा कि आम्रपाली समूह ने विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (फेमा) और प्रत्यक्ष विदेश निवेश (एफडीआई) के नियमों का बड़ा उल्लंघन किया है. पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को कंपनी, उसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) और प्रबंध निदेशक (सीएमडी) और निदेशकों के खिलाफ धन शोधन का मामला दर्ज करने का निर्देश दिया है. अदालत ने पाया कि आम्रपाली समूह के शीर्ष प्रबंधन ने मकान खरीदने वालों के धन का प्रयोग भवन परियोजनाओं को पूरा करने के बजाय निजी संपत्ति खरीदने में किया. अदालत ने कहा कि आम्रपाली ग्रुप के शीर्ष प्रबंधन ने यह धन विदेश में भेज दिया.