बीसीसीआई को सुप्रीम कोर्ट का झटका , लोढ़ा कमिटी ने सौंपी रिपोर्ट !

 02 Jan 2017  1780
ब्यूरो रिपोर्ट / in24 न्यूज़
बीसीसीआई में सुधार से संबंधित अपनी रिपोर्ट लोढ़ा कमिटी ने बुधवार को देश की सर्वोच्च न्यायपालिका को सौंपी।  अपनी रिपोर्ट में लोढ़ा कमिटी ने साफ कर दिया है कि बीसीसीआई उनके सुझावों को मानने के लिए तैयार नहीं है और ना ही बोर्ड की प्रोसेस सुधारने के लिए कमिटी द्वारा दिए गए सुझावों को स्वीकार कर रही है।  इस मामले में बीसीसीआई से 6 अक्टूबर तक सुप्रीम कोर्ट ने जवाब मांगा है।  लोढ़ा कमिटी ने CJI कोर्ट से इस मामले में जल्दी सुनवाई करने की वकालत की जिसपर चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया ने अपनी मुहर लगाते हुए कह दिया कि वे मामले की सुनवाई के लिए तैयार हैं।
आपको बता दें कि लोढ़ा कमिटी ने अपनी सिफारिशों में कहा था कि बीसीसीआई की सिलेक्टर्स टीम में तीन लोगों का मजबूत पैनल होना चाहिए वहीं बीसीसीआई ने पांच लोगों का पैनल तैयार कर दिया।  बीसीसीआई के नियम के मुताबिक , पांच सिलेक्टर्स चुने जाते हैं और इनमें ही चीफ सिलेक्टर होता है। कमेटी की सिफारिशों में यह भी कहा गया था कि सभी सिलेक्टर्स के पास टेस्ट प्लेइंग एक्सपीरिएंस मेंडेटरी होना चाहिए। नई सिलेक्शन कमेटी के दो मेंबर्स जतिन परांजपे और गगन खोड़ा ऐसे क्रिकेटर हैं जिन्होंने एक भी टेस्ट नहीं खेला है। दरअसल, BCCI के नियमों के तहत सिलेक्टर का टेस्ट मैच खेलना जरूरी नहीं है।
क्रिकेट एक्सपर्ट अयाज मेमन के मुताबिक, “ लोढ़ा कमेटी के सुझाव के मुताबिक कोई सिलेक्टर दो टर्म नहीं कर सकता। इसलिए पहले सिलेक्टर रह चुके खिलाड़ी इसमें नहीं लिए गए। कुछ सीनियर प्लेयर्स जैसे- शास्त्री, गावस्कर इसमें इंटरेस्टेड नहीं थे।’’ हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मेमोरेंडम ऑफ एसोसिएशन में बदलाव करने बाद BCCI सिलेक्टर्स का चयन करे। लेकिन BCCI ने अभी तक यह बदलाव नहीं किया है।’’  BCCI के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट सख्ती दिखाए तो सिलेक्टर्स हटाए जा सकते हैं। कोर्ट के आदेश के बाद लोढ़ा कमिटी की सिफारिश के बावजूद बीसीसीआई सुधरने को तैयार नहीं है यही कारण था कि सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा है कि खुद सीधे हो जाइये, वरना हमें आदेश देकर आपको सीधा करना पड़ेगा।