ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलेगा

 06 Dec 2019  826

संवाददाता/in24 न्यूज़.
अमेरिका के राष्ट्रपति भले ही दुनिया के सबसे ताकतवर नेताओं में से  हैं, मगर महाभियोग के सामने उन्हें एक आरोपी की तरह बैठना होगा और अपनी तरफ से सफाई देनी होगी. गौरतलब है कि अमेरिका में राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप बड़ी मुश्किल में घिरते दिख रहे हैं. उनके खिलाफ महाभियोग की जांच कर रही कांग्रेस समिति ने अपनी रिपोर्ट में उन्‍हें दोषी पाया है. प्रतिनिधि सभा की न्‍यायिक समिति की स्‍पीकर नैंसी पेलोसी ने इस बात की पुष्‍टि की है. उन्‍होंने कहा है राष्‍ट्रपति ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाया जाएगा. रिपोर्ट में कहा गया कि राष्‍ट्रपति ने अपने पद का दुरुपयोग किया. उन्होंने देशहित से समझौता भी किया. यह रिपोर्ट अमेरिकी कांग्रेस के प्रथम सदन प्रतिनिधि सभा की न्‍यायिक समिति ने बुधवार को दी थी. नैंसी ने कहा, हमारा लोकतंत्र दांव पर है. राष्ट्रपति ने हमारे पास कोई कार्रवाई के अलावा विकल्प नहीं छोड़ा है. इस अभूतपूर्व घोषणा के बीच उन्होंने कहा कि वह महाभियोग के लेखों का मसौदा तैयार कर रही हैं. उन्होंने कहा ये दुख की बात है, लेकिन मैं इसे आत्मविश्वास और विनम्रता के साथ कह रही हूं.पेलोसी  ने कहा, राष्ट्रपति का कृत्य संविधान का उल्लंघन है. इस मुद्दे पर क्रिसमस पर वोटिंग हो सकती है. इसपर डोनाल्‍ड ट्रंप ने ट्वीट किया, अच्छी बात यह है कि रिपब्लिकन पहले कभी इतना एकजुट नहीं हुए. हम जीतेंगे. उन्होंने ट्वीट किया, कटरपंथी वाम डेमोक्रेटिक सदस्यों ने अभी घोषणा की है कि वे मेरे खिलाफ बिना कारण महाभियोग प्रस्ताव लाना चाहते हैं. उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी के तर्क को दोहराते हुए कहा, महत्वपूर्ण और कभी कभार इस्तेमाल होने वाले महाभियोग का उपयोग भविष्य के राष्ट्रपति पर नियमित हमले के लिए किया जाएगा, जिस पर ध्यान हमारे संस्थापकों का नहीं गया था. महाभियोग के केंद्र में जुलाई में राष्ट्रपति ट्रंप की यूक्रेन के राष्ट्रपति से फोन पर की गई बातचीत है. आरोप है कि ट्रंप ने डेमोक्रेटिक पार्टी के नेता और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी जो बाइडेन के खिलाफ जांच के लिए यूक्रेन पर दबाव बनाया. पलोसी ने कहा, हमारा लोकतंत्र दाव पर है. उन्होंने औपचारिक घोषणा में कहा, राष्ट्रपति ने कोई विकल्प नहीं छोड़ा सिवाय कार्रवाई करने के क्योंकि वह एक बार फिर अपने फायदे के लिए चुनाव को भ्रष्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. राष्ट्रपति सत्ता के दुरुपयोग, राष्ट्रीय सुरक्षा को कमतर करने और हमारे चुनाव की शुचिता को खतरे में डालने के कृत्य में शामिल हैं.