भारत ने ब्राजील को सौंपी जी-20 की अध्यक्षता, आखिरी सत्र में ये बोले पीएम मोदी

 10 Sep 2023  576

संवाददाता/in24न्यूज

भारत की अध्यक्षता में हुए जी 20 शिखर सम्मेलन का सफल समापन हो गया है. समिट के पहले दिन ही सम्मेलन में घोषणापत्र जारी करने पर 100 फीसदी सहमति बन गई थी. रविवार को अंतिम सत्र को पीएम मोदी ने संबोधित किया और फिर अंत में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डी सिल्वा को जी20 की अध्यक्षता सौंपी. अंतिम सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने 'वन फ्यूचर' पर बात की. प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां हम ऐसे फ्यूचर  की बात कर रहे हैं, जिसमें हम ग्लोबल विलेज से आगे बढ़कर ग्लोबल  फॅमिली  को हकीकत बनता देखें. एक ऐसा फ्यूचर, जिसमें देशों के केवल हित ही नहीं जुड़े हों, बल्कि हृदय भी जुड़े हों. जी 20 देशों से आग्रह करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'मैंने जीडीपी  सेंट्रिक अप्रोच के बजाय ह्यूमन  सेंट्रक विज़न  पर निरंतर आपका ध्यान आकर्षित किया है. आज भारत जैसे अनेक देशों के पास ऐसा कितना कुछ है, जो हम पूरे विश्व के साथ साझा कर रहे हैं. भारत ने चंद्रयान मिशन के डेटा को मानव हित में सबके साथ शेयर करने की बात की है. ये भी ह्यूमन  सेंट्रक ग्रोथ को लेकर हमारे कमिटमेंट का प्रमाण है. भारत की डिजिटल क्रांति का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत ने टेक्नॉलॉजी को इंक्लूसिव डेवलपमेंट के लिए, लास्ट माइल डिलिवरी के लिए, उपयोग किया है. उन्होंने कहा कि हमारे छोटे से छोटे गांव में, छोटे से छोटा व्यापारी भी, डिजिटल पेमेंट्स कर रहा है और मुझे खुशी है कि भारत की अध्यक्षता में डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्टक्चरके लिए मजबूत फ्रेमवर्क पर सहमति बनी है. आज हम न्यू जेनेरेशन टेक्नॉलॉजी में अकल्पनीय स्केल और स्पीड के गवाह बन रहे हैं। आर्टिफिशल  इंटेलीजेंस का उदाहरण हमारे सामने है. 2019 में जी - 20 ने "प्रिंसिपल्स  ऑन आई” अपनाये थे और आज हमें उससे एक कदम और आगे बढ़ने की जरूरत है. संयुक्त राष्ट्र में फिर से सुधार की वकालत करते हुए पीएम मोदी ने कहा, 'विश्व को एक बेहतर भविष्य की तरफ ले जाने के लिए ये जरूरी है कि वैश्विक व्यवस्थाएं वर्तमान की वास्तविकताओं के मुताबिक हों. आज संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद भी इसका एक उदाहरण है. जब यूएन की स्थापना की गयी थी, उस समय का विश्व आज से बिलकुल अलग था. उस समय यूएन में 51 फाउंडिंग मेंबर्स थे. आज यूएन में शामिल देशों की संख्या करीब 200 हो चुकी है.बावजूद इसके, यूएनएससी में स्थाई सदस्य आज भी उतने ही हैं. तब से आज तक दुनिया हर लिहाज़ से बहुत बदल चुकी है.' पीएम मोदी ने आगे कहा, 'ट्रांसपोर्ट हो, कम्यूनिकेशन हो, हेल्थ, एजुकेशन, हर सेक्टर का कायाकल्प हो चुका है.ये प्रकृति का नियम है कि जो व्यक्ति और संस्था समय के साथ स्वयं में बदलाव नहीं लाती है, वो अपनी प्रासंगिकता खो देती है. हमें खुले मन से विचार करना होगा कि आखिर क्या कारण है कि बीते वर्षों में अनेक रीजनल फोरम्स अस्तित्व में आए हैं, और वो प्रभावी भी सिद्ध हो रहे हैं.