निसर्ग तूफान ने दी दस्तक, 129 साल बाद मुंबई पर खतरा

 03 Jun 2020  1841

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
कोरोना महामारी के बीच  महाराष्ट्र में अब से कुछ ही देर में चक्रवात निसर्ग दस्तक देने वाला है। मौसम विभाग ने आज दोपहर के बाद चक्रवात 'निसर्ग' के महाराष्ट्र के तटों से टकराने की संभावना जताई है। महाराष्ट्र, गुजरात और दमन में विशेष अलर्ट जारी किया गया है। एनडीआरएफ ने अपनी तैयारी पूरी कर ली है और समुद्र तटों पर टीम की तैनाती कर दी है।महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले स्थित अलीबाग में चक्रवात निसर्ग के पहुंचने की आशंका से पहले ही मुंबई और इसके आसपास के क्षेत्रों में जोरदार बारिश हुई। मौसम विभाग के मुताबिक, मुंबई में चक्रवात के दौरान 120 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलेगी, जबकि समुद्र की लहर करीब 6 फीट ऊपर तक उठ सकती हैं। मछुआरों के लिए विशेष अलर्ट जारी किया गया है। चक्रवात निसर्ग के समुद्र तट से टकराने के खतरे को देखते हुए महाराष्ट्र्र और गुजरात ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के दलों को तैनात कर दिया है और जिन क्षेत्रों के चक्रवात से प्रभावित होने की आशंका है वहां से लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इन दोनों राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बातचीत कर उन्हें केंद्र द्वारा हर संभव सहायता प्रदान करने का आश्वासन दिया है। मौसम विज्ञान विभाग ने बताया कि अगले 12 घंटे में निसर्ग चक्रवात के गंभीर चक्रवाती तूफान का रूप लेने की प्रबल आशंका है और यह बुधवार दोपहर को महाराष्ट्र और दक्षिण गुजरात के तट को पार कर जाएगा। मुंबई के मौसम विज्ञान विभाग के उप महानिदेशक के एस होसलिकर ने ट्वीट कर बताया कि चक्रवाती तूफान उत्तरी महाराष्ट्र और हरिहरेश्वर और दमन के बीच अलीबाग के पास दक्षिण गुजरात के तट को तीन जून को पार करेगा और हवा की गति 100 से 120 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि चक्रवाती तूफान को देखते हुए लोगों को बचाकर निकालने के वास्ते राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के 10 दलों को राज्य के तटवर्ती क्षेत्रों में तैनात किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से ट्विटर पर एक तस्वीर के माध्यम से कहा गया, “एनडीआरएफ के 16 दलों में से 10 को चक्रवात के दौरान बचाव अभियान के लिए तैनात किया गया है और राज्य आपदा मोचन बल की छह इकाइयों को रिजर्व रखा गया है। गुजरात में प्रशासन ने चार तटीय जिलों से 78,000 लोगों को निकालने का काम शुरू कर दिया है। राहत आयुक्त हर्षद पटेल ने गांधीनगर में संवाददाताओं से कहा कि एनडीआरएफ के 13 और एसडीआरएफ के छह दलों को विभिन्न स्थानों पर तैनात किया गया है। उन्होंने कहा कि वलसाड, सूरत, नवसारी और भरुच जिले में रहने वाले 78,971 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है। पटेल ने कहा, “कोरोना वायरस महामारी को देखते हुए बचाव दलों को पीपीई किट दी गई है और आश्रय के स्थान पर सामाजिक दूरी और मास्क जैसे एहतियाती उपाय बरतने को कहा गया है।” समुद्र तट के किनारे रहने वालों के लिए एक राहत भरी खबर में आईएमडी ने कहा कि चक्रवात के गुजरात के तट से टकराने की संभावना नहीं है। हालांकि इसका प्रभाव तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है। गुजरात मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जयंत सरकार ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वर्तमान अनुमान के अनुसार चक्रवात मुंबई के निकट अलीबाग पर टकराएगा। हालांकि चक्रवात दक्षिण गुजरात को पार नहीं करेगा, इसका प्रभाव तेज हवाओं और भारी बारिश के रूप में देखने को मिल सकता है। बता दें की निसर्ग तूफ़ान को देखते हुए मीरा-भायंदर में भी एनडीआरएफ की टीम तैनात कर दी गई है.