मुंबई में कोरोना के इंजेक्शन का गोरखधंधा !

 04 Aug 2020  935

संजय मिश्रा/in24 न्यूज़/मुंबई. देश मेंं जहां एक तरफ कोरोना वायरस का खौफ लगातार मंडरा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ कोरोना से संबंधित दवाइयों की कालाबाजारी अपनी चरम पर जा पहुंची है. भारत सरकार ने अधिकारिक तौर पर कोई वैक्सीन या अन्य औषधि अब तक प्रमाणित नहीं की है जिससे कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी से भारत वर्ष को निजात मिल सके लेकिन टोसीलिज़ुमाब नाम के इंजेक्शन को इन दिनों मुंबई में तीन से चार गुने कीमत पर धड़ल्ले से बेचा जा रहा है. 400 एमजी वाले लगभग 10 इंजेक्शन के साथ एक आरोपी को मुंबई पुलिस की क्राइम यूनिट-9 की टीम ने गिरफ्तार किया है जिसकी कीमत 15 लाख रुपए बताई जा रही है.

दरअसल मुंबई पुलिस की क्राइम यूनिट 9 के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर महेश देसाई को मुखबिर द्वारा गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग कोरोना की दवाई की कालाबाजारी कर रहे हैं और टोसीलिज़ुमाब इंजेक्शन का एक इंजेक्शन दो से तीन गुनी कीमत पर बेच रहे हैं जिसके बाद मुखबिर की निशानदेही पर बांदा क्राइम ब्रांच के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर महेश देसाई के मार्गदर्शन में असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सुधीर जाधव और उनकी टीम ने बांद्रा रिक्लेमेशन के यू ब्रिज के पास जाल बिछाया और इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए बांद्रा क्राइम ब्रांच के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर महेश देसाई ने अन्न व औषध प्रशासन के दो अधिकारियों की सहायता ली ताकि वैश्विक महामारी कोरोनावायरस से जुड़े मेडिसिन की कालाबाजारी का पर्दाफाश हो सके. पुलिस ने जिस आरोपी को गिरफ्तार किया है उसकी उम्र 30 साल के आसपास है और वह उत्तराखंड के उधम सिंह नगर का निवासी है. क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा की गई पूछताछ में गिरफ्तार आरोपी ने बताया कि टोसीलिज़ुमाब इंजेक्शन उसने दिल्ली के किसी मेडिकल स्टोर संचालक से हासिल किया है और मुंबई में इस इंजेक्शन को एक लाख रुपए में कोविड से संक्रमित मरीजों के परिजन को बेचा जाता था. क्राइम ब्रांच की टीम द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी ने यह भी बताया कि जिन लोगों का ऑक्सीजन लेवल कम हो जाता है उन्हें उपचार के तौर पर यह इंजेक्शन दी जाती है. गिरफ्तार आरोपी के पास से पुलिस को न तो इंजेक्शन का कोई बिल मिला और ना ही इस इंजेक्शन को बेचने के लिए कोई अधिकृत लाइसेंस उसके पास बरामद हुआ. गिरफ्तार आरोपी को पुलिस ने कोर्ट में पेश किया जहां से 7 अगस्त तक उसे पुलिस कस्टडी में रखने का माननीय न्यायाधीश ने आदेश दिया जिसके बाद पुलिस हिरासत में क्राइम ब्रांच की टीम अब यह पता लगाने में जुटी है कि गिरफ्तार आरोपी के तार किसी बड़े गिरोह से तो नहीं जुड़े. बंदर क्राइम ब्रांच के सीनियर पुलिस इंस्पेक्टर महेश देसाई के मार्गदर्शन में पुलिस इंस्पेक्टर आशा कोरके, असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सुधीर जाधव, असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर धराडे, पुलिस सब इंस्पेक्टर आंबवडे, पुलिस हवलदार नाईक, कोली, शिंदे, पुलिस नाइक पेडणेकर, राऊत, पुलिस सिपाही महांगडे, गवते और निकम ने मिलकर इस कार्रवाई को अंजाम दिया.