किसानों का प्रदर्शन आज भी जारी

 04 Dec 2020  432

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
आज भी किसान कड़ाके की ठण्ड में  किसान बिल के खिलाफ विरोध प्रकट करने के लिए सड़कों पर बरकरार हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात है. कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे. एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं. कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बिजनौर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे.बी सरकार के साथ बैठक के बाद आज़ाद किसान संघर्ष समिति के हरजिंदर सिंह टाडा ने कहा कि सरकार मानती है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य रहेगी. बात आगे बढ़ी है. हम लोगों ने कहा कि तीनों कानून वापिस लो. उसके बाद एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) पर गारंटी दी जाए. प्रवक्ता भारतीय किसान यूनियन राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ बैठक के बादसरकार ने एमएसपी पर संकेत दिए हैं. सरकार बिलों में संशोधन चाहती है. आज बात कुछ आगे बढ़ी है. आंदोलन जारी रहेगा. 5 दिसंबर को बैठक फिर से होगी. केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि बैठक के बाद आज बहुत अच्छे वातावरण में चर्चा हुई है. किसानों ने बहुत सही से अपने विषयों को रखा है. जो बिंदु निकले हैं उन पर हम सब लोगों की लगभग सहमति बनी है, परसों बैठेंगे तो इस बात को और आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि आज बैठक का चौथा चरण समाप्त हुआ है. पांच दिसंबर की दोपहर में 2 बजे यूनियन के साथ सरकार की मुलाकात फिर होगी और हम किसी अंतिम निर्णय पर पहुंचेंगे. केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि किसान यूनियन की पराली के विषय में एक अध्यादेश पर शंका है, विद्युत एक्ट पर भी उनकी शंका है. इसपर भी सरकार चर्चा करने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि किसान यूनियन और किसानों की चिंता है कि नए एक्ट से एपीएमसी ख़त्म हो जाएगी. भारत सरकार इस बात पर विचार करेगी कि एपीएमसी सशक्त हो और एपीएमसी का उपयोग और बढ़े. देखना होगा कि किसान सरकार की तरफ से आश्वस्त होते हैं या नहीं.