भारत-चीन के बीच 9वें दौर की अहम बैठक आज

 24 Jan 2021  654

संवाददाता/in24 न्यूज़.
भारत और चीन के रिश्ते सहज हों, इसकी कोशिश फिर शुरू हो गई है. भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर जारी तनाव के बीच दोनों देश आज 9वें दौर की कॉर्प्स कमांडर स्तर की अहम बैठक करेंगे. आखिरी बार दोनो देशों के बीच कॉर्प्स कमांडर स्तर की अहम बैठक करीब ढाई महीने पहले हुई थी. बता दें, लद्दाख में मई 2020 से ही नियंत्रण रेखा के दोनो तरफ हजारों की संख्या में सैनिक तैनात है और तनाव की स्थिति बनी हुई है. भारत की तरफ से इस बैठक में कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन शामिल होंगे जबकि चीन की तरफ से दक्षिण शिंजियांग मिलिस्ट्री क्षेत्र के कमांडर मेजर जनरल लियू लिन शामिल होंगे. दोनों के बीच यह बातचीत रविवार की सुबह चूशूल सेक्टर में चीनी नियंत्रण रेखा के हिस्से में बने मोल्डो में बॉर्डर पर्सनेल मीटिंग (बीपीएम) में होगी. इस बैठक का उद्देश्य पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में नियंत्रण रेखा पर बीते नौ महीनों से जारी तनाव का समाधान निकालना है. रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि यह बैठक भारत द्वारा भेजे गए ज्ञापन पर चीन की तरफ से आए जवाब के बाद निर्धारित की गई है. पिछली बैठकों की तरह इस बैठक में भी विदेश मंत्रालय का एक प्रतिनिधि शामिल होगा. कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि इस वार्ता में दोनों पक्षों के बीच एक लिखित समझौता हो सकता है. गौरतलब है कि बीते साल मई में गतिरोध शुरू होने के कुछ हफ्तों के बाद, चीनी सैनिक पैंगोंग त्सो के उत्तरी किनारे से भारत की सीमा में  8 किलो. अंदर तक आ गए थे. पूर्वी लद्दाख में कई स्थानों पर दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे के आमने-सामने आए. इसके कुछ सप्ताह बाद चीन और भारतीय सैनिकों के बीच लद्दाख की गलवान घाटी में हिंसक झड़प हुई ती, जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे. इस हिसंक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच हालात और तनावपूर्ण हो गए थे. अगस्त में भारतीय सेना को जानकर हैरानी हुई थी कि चीन ने पैंगोंग त्सो के दक्षिणी किनारे और चूशूल सब-सेक्टर के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्जा कर लिया था. चीन ने पैंगोंग त्सो के फिंगर-एरिया 4 से फिंगर 8 तक कब्जा करके अपने सैनिकों के बैरक, ट्रेंच और हेलीपैड तक तैयार कर लिया थे. इसके बाद भारतीय सैनिकों ने प्री-एम्टिव कारवाई करते हुए कैलाश हिल रेंज की मुखपरी, गुरंग हिल, मगर हिल और रेचिन ला दर्रे पर  पर अपना कब्जा कर लिया था. भारत रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण क्षेत्रों को अपने कब्जे में ले चुका था. रिपोर्ट की मानें तो चीन ने इस बात के संकेत दिए हैं कि वो सीमा पर तनाव कम करने के लिए अपने सैनिकों को वापस लेगा और तनाव से पहले कि वास्तवकि स्थिति बनाएगा. हालांकि, भारत चाहता है कि चीन पहले अपने सैनिक पीछे करे और उसके बाद ही वो भी अपने सैनिक पीछे करेगा. बता दें, दोनों देशों के बीच 18 दिसंबर, 2020 को विदेश मंत्रालय स्तर की बातचीत हुई थी जिसमें दोनों देशों ने इस बात पर सहमति जताई थी कि वो एलएसी पर सभी तनाव वाली जगहों से अपने सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में काम जारी रखेंगे. बता दें कि इस   सकारात्मक नतीजा  ये दोनों देशो के लिए बेहतर होगा.