लालकिला पर हुड़दंगियों ने फहराया झंडा

 26 Jan 2021  1026

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
किसान आंदोलन के नाम पर जो भी हो रहा है उसे कोई भी बर्दाश्त नहीं कर सकता. लाल किला इलाके से किसानों को पुलिस ने जबरन हटाने की प्रक्रिया शुरू की। इस दौरान पुलिस कई किसानों पर डंडे बरसाने से भी नहीं हिचकिचा रही है। हालांकि भीड़ के खिलाफ पुलिस बल प्रयोग करने को लेकर संयत है। लाल किले के पास बिगड़े हालात को देखते हुए पुलिस के आलाधिकारी मौके पर पहुंचे हुए हैं। इससे पहले किसानों का आंदोलन बलवे की शक्ल में नजर आया। यहां तक कि लाल किले के भीतर किसानों का एक जत्था घुस गया और लाल किले पर झंडा लगा दिया गया। काफी जद्दोजहद के बाद पुलिस ने किसानों का झंडा उतारा। इससे पहले दिल्ली के आईटीओ में किसान-पुलिस की झड़प हुई। बता दें कि दिल्ली मेट्रो रेल कॉपोर्रेशन ने मंगलवार को किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा के मद्देनजर येलो, ग्रीन, वायलेट और ब्लू लाइनों पर विभिन्न मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत ने हिंसा में लिप्त प्रदर्शनकारियों को अपना साथी मानने से इनकार कर दिया। टिकैत ने उन्हें राजनीतिक दलों का कार्यकर्ता बताया। तीन कृषि कानून के विरोध में आंदोलन की राह पकड़े किसान संगठनों का समूह संयुक्त किसान मोर्चा ने बेकाबू हुई ट्रैक्टर रैली में हिंसक वारदात से किनारा कर लिया है। संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं का कहना है कि जिन किसान संगठनों के लोग हिंसा पर उतर आए हैं और लाल किला परिसर में दाखिल हुए हैं, उनसे उनका कोई लेना-देना नहीं है।ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मौला ने आईएएनएस से कहा कि कुछ संगठनों ने ट्रैक्टर रैली में घुसकर किसानों के आंदोलन को बदनाम करने की कोशिश की है। उन्होंने कहा कि जो आंदोलन दो महीने से अनुशासित रहा है, उसे बदनाम करने की जिस किसी ने साजिश रची है वे अराजक व असामाजिक तत्व हैं।ऑल इंडिया किसान सभा के पंजाब में जनरल सेक्रेटरी मेजर सिंह पुनावाल टैक्टर रैली में शामिल थे। उन्होंने बताया कि लाल किला पहुंचने का उनका कोई इरादा नहीं है और वे उधर जाना नहीं चाहते हैं, जो लोग लाल किला पहुंचे हैं वे संयुक्त किसान मोर्चा के लोग नहीं हैं। मेजर सिंह ने बताया कि विभिन्न रूटों पर ट्रैक्टर रैली में चल रहे किसान रास्ता भटक जाने के कारण भीतरी रिंग रोड पर आ गए, लेकिन उनको जो रूट दिया गया है, वे उन्हीं रूटों पर मार्च निकालना चाहते हैं।पंजाब के ही किसान नेता और किसान बचाओ मोर्चा के अध्यक्ष कृपा सिंह ने भी बताया कि संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान गणतंत्र परेड में शामिल किसान संगठन दिल्ली पुलिस द्वारा निर्धातिर रूटों पर ही मार्च निकालना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि उत्पात मचाने वालों से उनका कोई संबंध नहीं है। गौरतलब है कि 72वें गणतंत्र दिवस परेड के दौरान हजारों ट्रैक्टर दिल्ली में प्रवेश कर गए। आईटीओ में भी तोड़फोड़ की सूचना मिली, जहां पुलिस मुख्यालय स्थित है। पुलिस वाले पूरी तरह से स्थिति से अनभिज्ञ दिखे। डीएमआरसी ने महत्वपूर्ण कदम उठाया और ट्वीट किया कि समयपुर बादली, रोहिणी सेक्टर 18/19, हैदरपुर बादली मोर, जहांगीर पुरी, आदर्श नगर, आजादपुर, मॉडल टाउन, जीटीबी नगर, विश्व विद्यालय, विधानसभा और सिविल लाइंस के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए हैं। ये स्टेशन येलो लाइन पर हैं। किसान आंदोलन के हिंसक रूप अख्तियार करने के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने किसानों से शांति बनाए रखने और कानून अपने हाथों में न लेने की अपील की है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ''हम किसानों से शांति बनाए रखने और कानून अपने हाथों में न लेने का आग्रह करते हैं।'' ट्रैक्टरों पर सवार सैकड़ों की संख्या में किसानों ने कई बैरिकेड तोड़ते हुए दिल्ली में प्रवेश किया। उन्होंने पुलिस द्वारा दिए निर्देशों का उल्लंघन करते हुए इंडिया गेट और राजपथ तक पहुंचने की कोशिश की। कई स्थानों पर उन्होंने पुलिस पर पथराव भी किया। बता दें कि आंदोलन के नाम पर जिस तरह का हुड़दंग लाल किला पर किया गया, यह घोर आपत्तिजनक है.