भतीजे चिराग पासवान ने दिया दिया चाचा को पार्टी संभालने का प्रस्ताव
14 Jun 2021
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
चिराग पासवान अपनी ही पार्टी में अकेले और कमज़ोर पड़ते नज़र आ रहे हैं। बता दें कि लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद से बिहार से लेकर देश की राजधानी दिल्ली तक की सियासत में हलचल शुरू हो गई है। एलजेपी सांसद पशुपति कुमार पारस के 5 सांसदों के साथ बगावत करने की घोषणा के बाद से ही उनके भतीजे एवं दिवंगत रामविलास पासवान के पुत्र चिराग पासवान बैकफुट पर जाते हुए नजर आ रहे हैं। खबरों के मुताबिक चिराग पासवान सोमवार को चाचा पशुपति कुमार पारस से मिलने के लिए उनके घर एक प्रस्ताव साथ लेकर गए है। चिराग पासवान ने एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ने की बात कही है। जानकारी के अनुसार, चिराग ने अपनी मां रीना पासवान को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा है। वहीं जानकारी सामने आई है कि सोमवार को दोपहर करीब 3 बजे चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस समेत पार्टी के बागी सभी सांसद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला से मुलाकात करेंगे। बिहार के हाजीपुर से एलजेपी के लोकसभा सांसद पशुपति कुमार पारस ने कहा कि वो अकेला महसूस कर रहे हैं। पार्टी की बागडोर जिनके हाथ में गई। पार्टी के 99 प्रतिशत कार्यकर्ता, सांसद, विधायक और समर्थक सभी की इच्छा थी कि हम 2014 में एनडीए गठबंधन का हिस्सा बनें और इस बार के विधानसभा चुनाव में भी हिस्सा बने रहें। पर यह नहीं हो पाया। उन्होंने कहा कि लोक जनशक्ति पार्टी बिखर रही थी। हमारी पार्टी में कुछ असामाजिक तत्वों ने सेंध डाला और 99 फीसदी कार्यकर्ताओं के भावना की अनदेखी करके गठबंधन को तोड़ दिया। इससे आगे पशुपति ने बताया कि हमारी पार्टी में 6 सांसद हैं। इनमें से 5 सांसदों का मानना था कि पार्टी का अस्तित्व मिट हो रहा है। इस स्थिति में पार्टी को बचाया जाए। इन स्थितियों में मैंने पार्टी तोड़ी नहीं है, बल्कि पार्टी को बचाया है। बता दें कि एलजेपी में बड़ी फूट के बाद सांसद चिराग पासवान इस समय मीडिया से दूरी बनाए हुए हैं। इस बीच एलजेपी प्रवक्ता श्रवण कुमार ने बताया कि अब तक पार्टी में सभी एक तरफा फैसले हो रहे थे। बचपने में जो पार्टी को नुकसान पहुंच रहा था। उसको खत्म करने के लिए सांसद पशुपति कुमार पारस ने यह कदम उठाया है। बहरहाल, देखना दिलचस्प होगा कि चिराग की पार्टी में आनेवाले समय का कितना प्रभाव पड़ता है।