राहुल की ब्रेकफास्ट मीटिंग में एकजुट नहीं विपक्ष

 03 Aug 2021  511

संवाददाता/in24 न्यूज़।
देश में राजनीतिक माहौल बदलने की खातिर दिल्ली में आज कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विपक्षी पार्टियों की एक ब्रेकफास्ट मीटिंग बुलाई थी. इस मीटिंग में 14 दलों के नेता शामिल हुए, लेकिन आम आदमी पार्टी और बीएसपी इस मीटिंग में शामिल नहीं हुई. आप और बसपा के इस कदम के बाद बीजेपी के खिलाफ विपक्षी एकता को फिर से बड़ा झटका लगा है. इस ब्रेकफास्ट मीटिंग में देश की इन दो बड़ी पार्टियों का न शामिल होना बहुत बड़ा संदेश दे रहा है. राहुल गांधी ने इस बैठक में लोकसभा और राज्यसभा के विपक्षी दल के नेताओं को बुलावा भेजा था. राहुल गांधी ने ऐसे समय विपक्षी नेताओं को नाश्ते पर बुलाया है, जब संसद का मानसून सत्र चल रहा है. हालांकि पेगासस और अन्य मुद्दों को लेकर संसद के दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है. संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से आरंभ हुआ था, लेकिन दोनों सदनों की अब तक कार्यवाही बाधित रही है. एक तरफ विपक्षी दल पेगासस जासूसी मुद्दे पर चर्चा के लिए सरकार के तैयार होने के बाद ही संसद का गतिरोध खत्म करने की बात कह रहे हैं. वहीं सरकार की तरफ से साफ कहा जा रहा है कि यह कोई मुद्दा ही नहीं है. बताया जा रहा है कि संसद सत्र को लेकर भी राहुल गांधी ने मीटिंग बुलाई है और इसमें विपक्षी नेताओं के एकजुट होकर सरकार पर हमला करने पर बात की जा सकती है. हालांकि आम आदमी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी द्वारा इस मीटिंग में शामिल न होना विपक्षी एकता में टूट प्रदर्शित कर रहा है. राहुल गांधी द्वारा बुलाई बैठक में कांग्रेस, राकांपा, शिवसेना, माकपा, राजद, सपा, भाकपा, आईयूएमएल, रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी, केरल कांग्रेस (एम), झारखंड मुक्ति मोर्चा, नेशनल कॉन्फ्रेंस, झारखंड मुक्ति मोर्चा, टीएमसी और लोकतांत्रिक जनता दल (एलजेडी) के नेता शामिल हुए. जानकारों की मानें तो राहुल गांधी के नेतृत्व में उतनी क्षमता अबतक नहीं आ पाई है कि वे विपक्ष को भी भरोसे में ले सकें और उसका सबसे बड़ा उदाहरण है मायावती और केजरीवाल का इस ब्रेकफास्ट मीटिंग से दूरी बनाना।