आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ, मोदी ने रचा नया इतिहास

 21 Oct 2018  1047
इन24 न्यूज़  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में बनाई गई  'आजाद हिन्द सरकार' की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले समारोह में शामिल हुए  प्रधानमंत्री मोदी ने इस इस मौके पर लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया. आपको अवगत करा दें कि अब तक देश के प्रधानमंत्री सिर्फ 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडा फेराते हैं. लेकिन अब 21 अक्टूबर को भी लाल किले पर झंडारोहण करने के साथ नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री बन गये. आपको बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान पीएम मोदी ने उन शख्सियतों के योगदान का जश्न मनाने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों के बारे में विस्तार से चर्चा की, जिन्हें उनके मुताबिक कांग्रेस ने अपने कई दशकों के कार्यकाल के दौरान अनदेखा किया. 

लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी का एक ही उद्देश्य था,भारत की आजादी., मां भारती को गुलामी की जंजीरों से आजाद कराना. यही उनकी विचारधारा थी और यही उनका कर्मक्षेत्र था. पीएम मोदी ने कहा कि भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी भी नई ऊंचाइयों को पाना बाकी है. इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं. एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी. 

पीएम मोदी ने कहा कि ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया. देश का संतुलित विकास, समाज के प्रत्येक स्तर पर, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर, राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के विजन का हिस्सा थी.

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि कैम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष बाबू ने लिखा था कि - "हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है। इसलिए हम भारतीयों की आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है. पीएम मोदी ने आगे कहा कि आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, तो भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता,और स्थितियां बहुत भिन्न होती : पीएम मोदी

इस कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला के आस पास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए.  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया. आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी मौजूद थे.. साथ ही साथ बताया जा रहा है कि नेताजी सुभाष चंद्रबोस के परिवार के लोग भी इसमें शामिल हुए.