भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को राष्ट्रपति और पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

 16 Aug 2019  802

संवाददाता/in 24 न्यूज़।

 पूर्व प्रधानमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेता रहे अटल बिहारी वाजपेयी की पहली पुण्यतिथि पर.देश के कई बड़े नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे रहे हैं.नई दिल्ली में उनके स्मृति स्थल ‘सदैव अटल’ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह समेत कई बड़े नेता श्रद्धांजलि देने पहुंचे.अटल बिहारी वाजपेयी की तबीयत काफी लंबी समय से खराब थी, लंबी बीमारी के बाद 16 अगस्त, 2018 को उनका निधन हो गया था। दिल्ली स्थित सदैव अटल पर अटल बिहारी वाजपेयी की पुण्यतिथि के अवसर पर बड़ा कार्यक्रम किया जा रहा है. अटल बिहारी वाजपेयी की बेटी नमिता कौल भट्टाचार्य, पोती निहारिका समेत परिवार के भी कई अन्य सदस्य वहां पर पहुंचे हैं.पूर्व प्रधानमंत्री के स्मृति स्थल पर आज भजन का कार्यक्रम चल रहा है, वहीं उपराष्ट्रपति एम् वेंकैया नायडू ने भी ट्विटर पर अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया और उन्हें श्रद्धांजलि दी. पूर्व प्रधानमंत्री अटल वाजपेयी के निधन के बाद बीजेपी ने उनकी अस्थियों को देश की 100 नदियों में प्रवाहित किया था.इसकी शुरुआत हरिद्वार में गंगा में विसर्जन के साथ हुई थी. अपनी कविताओं और भाषणों के लिए हमेशा जाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी भाजपा के संस्थापकों में से एक थे.1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीने तक चली थी. और जब 1999 में अटल जी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और उन्होंने 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया.2004 के बाद तबीयत खराब होने की वजह से उन्होंने राजनीति से दूरी बना ली थी.  भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बेहद नम्र इंसान थे और वह अंहकार से कोसों दूर थे. पिछले साल उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाजपेयी के बारे में कहा था कि पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी में अहंकार बिल्कुल भी नहीं था और मैं उन्हीं से प्रेरित होकर विनम्रता को आत्मसात करने का प्रयास करता रहता हूं.भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी बेहद नम्र इंसान थे और वह अंहकार से कोसों दूर थे. पिछले साल उनके निधन पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने वाजपेयी के बारे में कहा था, 'पूर्व प्रधानमंत्री वाजपेयी में अहंकार बिल्कुल भी नहीं था और मैं उन्हीं से प्रेरित होकर विनम्रता को आत्मसात करने का प्रयास करता रहता हूं.' राष्ट्रपति ने कहा ने संसद में उनके साथ का अनुभव साझा करते हुए बताया था, 'जब वो देश के प्रधानमंत्री थे, उस समय मैं राज्यसभा सांसद था. संसद के गलियारों में हमेशा मेरा और उनका आमना-सामना हो जाता था. मैंने देखा कि ऐसे अवसरों पर वाजपेयी दूर से ही नमस्कार किया करते थे.'राष्ट्रपति कोविंद ने कहा, 'वाजपेयी के इस व्यवहार को देखकर मुझे कभी-कभी आत्मग्लानि भी होती थी कि कहां मैं एक छोटा सा सांसद और कहां वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री. वाजपेयी में अहंकार की भावना दूर-दूर तक नहीं थी और मैं हमेशा सोचता था कि अहंकार मुक्त सार्वजनिक जीवन बहुत अच्छा होता है. ये मैंने उन्हीं से सीखा और मैं अपने जीवन में भी इस विनम्रता को आत्मसात करने का प्रयास करता रहता हूं.'