पुजारी की बेटी बनी दलित विधायक की दुल्हन

 09 Oct 2020  492

संवाददाता/in24 न्यूज़.
कहते हैं न इश्क़ न धर्म देखता है न जाति, यह कहावत चरितार्थ हुई है चेन्नई में जहां एक पुजारी की बेटी को दलित विधायक ने जीवन संगिनी बनाया है. तमिलनाडु और दक्षिण भारत में भी सामाजिक सोच में बदलाव आने लगा है। कट्टरपंथी भी शादी ब्याह के मामलों में दलित और उच्च वर्ग को लेकर टीका टिप्पणी नहीं करते हैं। एआईएडीएमके के दलित विधायस ए प्रभु ने जब 19 साल की पंडित की बेटी सौंदर्या से शादी रचाई तो उन्हें कड़े विरोध का सामना करना पड़ा। ससुर ने कोर्ट में दामाद के खिलाफ किडनैपिंग का मामला दर्द करवा दिया। अच्छी बात ये रही कि कोर्ट ने ससुर की अर्जी खारिज कर दी। साथ ही दलित विधायक और पुजारी की बेटी की शादी को मंजूरी दे दी। सौन्दर्या की मुलाकात कोर्ट पहुंचे पिता से हुई। पिता के विरोध को सौंदर्या भलीभांति समझती हैं। बावजूद इसके उन्होंने कहा कि वे अपने पति के साथ ही रहना चाहती हैं। सौंदर्या ने किडनैपिंग की बात या फिर किसी तरह की जोर जबरदस्ती होने से साफ इनकार किया है। जबरदस्त सामाजिक विरोध के बाद विधायक दंपत्ति ने सुबूतों के साथ अपनी बात रखी थी। साथ ही वीडियो शेयर कर बताया था कि वे बालिग हैं और शादी करने के लिए उन्हें रोका नहीं जा सकता है। सौन्दर्या के पिता स्वामीनाथन अब भी दामाद से नाराज हैं। स्वामीनाथन आज भी मानते हैं कि विधायक ने उनकी बेटी को फांसा है। ससुर का आरोप है कि उनकी बेटी जब नाबालिग थी तभी से विधायक रिलेशनशिप में आ गए थे। हालांकि मोटे तौर पर यही माना जा रहा है कि स्वामीनाथन अपने दामाद की जाति को लेकर उन्हें स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। स्वामीनाथन मान जाएं इसको लेकर सामाजिक  प्रयास भी शुरू हो गए हैं। वहीं विधायक ने अपने ससुर के बारे में कहा कि वे अपनी पत्नी के पिता को सालों से जानते हैं। उनके बीच पहले से पारिवारिक संबंध रहे हैं। विधायक पूरे मामले को राजनीतिक ताकतों की साजिश करार दे रहे हैं जो समाज को बांटने के फिराक में है। बता दें कि जब इस तरह की शादी होती है तो उसके कुछ दिन बाद आपसी खटास भी मिटने शुरू हो जाते हैं.