कोरोना से हो रही है बिहार चुनाव परिणाम में देरी
10 Nov 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
विश्वव्यापी महामारीकोरोना की वजह से बिहार विधान सभा चुनाव के परिणाम में देरी हो रही है. बिहार विधानसभा चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। रूझानों में आगे चलने वाले नेता जहां ताल ठोंक रहे हैं, वहीं पीछे चल रहे नेताओं को इस बात की आस है कि बड़ी तादाद में वोटों की गिनती बाकी है। ऐसे में कभी भी बड़े उलटफेर से इनकार नहीं किया जा सकता है। ताजा रुझान भले बताते हों कि बिहार में एनडीए की सरकार भारी बहुमत से बनने जा रही है। जबकि राजद की दलील है कि दर्जनों ऐसी सीटें हैं जहां वोटों के अंतर में महज हजार दो हजार का अंतर है। ऐसे में जीत को लेकर दावा करना अभी जल्दबाजी होगी। इस बारे में चुनाव आयोग की तरफ से आधिकारिक बयान आया है कि कोरोना संक्रमण के कारण काउंटिंग सेंटर्स में इजाफा किया गया है। लिहाजा अंतिम नतीजे आने में काफी वक्त लगेगा। प्रेस वार्ता में मुख्य चुनाव अधिकारी ने कहा कि पहले मतगणना के 25-26 राउंड हुआ करते थे, जबकि इस बार यह बढ़कर औसतन 35 राउंड हो गए हैं। बिहार के नतीजे जानने के लिए देर शाम तक लोगों को इंतजार करना होगा। हालांकि चुनाव अधिकारी ने कहा कि काउंटिंग की प्रक्रिया निष्कंटक जारी है। अभी तक 1 करोड़ से भी अधिक वोटों की गिनती हो चुकी है। चुनाव आयोग की दलील के मुताबिक इस बार कोरोना संक्रमण के मद्देनजर ईवीएम की संख्या बढ़ाई गई थी। लिहाजा काउंटिंग के राउंड भी बढ़े हैं। फिर तमाम ऐहतियात भी बरते जा रहे हैं लिहाजा वोटों की गिनती में वक्त लग रहा है। 2015 चुनाव के मुकाबले बात की जाए तो इस बार पोलिंग सेंटर्स और बैलट पेपर्स की संख्या अधिक है। बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), एचआर श्रीनिवास के मुताबिक चुनाव में करीब 4.10 करोड़ वोट डाले गए हैं। सबसे पहले डाक मतपत्रों की गिनती हुई है। काउंटिंग से जुड़े कर्मचारी अपने काम में लगे हुए हैं। डिप्टी इलेक्शन कमिश्नर सुदीप जैन, चंद्रभूषण कुमार और आशीष कुंद्रा ने दोपहर डेढ़ बजे संयुक्त रूप से प्रेस कांफ्रेंस कर बिहार चुनाव में धीमी गति से मतगणना के आरोपों को खारिज कर दिया। चुनाव आयोग ने कहा कि कोरोना के कारण इस बार 63 प्रतिशत बूथों की संख्या बढ़ाई गई थी। जिससे अधिक ईवीएम की काउंटिग होनी है। इस नाते मतगणना में अधिक समय लगेगा। आयोग के मुताबिक, 2015 के विधानसभा चुनाव में 65 हजार बूथ थे, इस बार एक लाख 26 हजार बूथ बने। ऐसे में मतगणना में अधिक समय लग रहा है। चुनाव आयोग ने बताया कि पोस्टल बैलेट में पिछली बार की तुलना में बढ़ोत्तरी हुई है. यही वजह है कि इस बार देरी की वजह कोरोना बनी है.