धोखाधड़ी मामले में नाम आने पर बीजेपी नेता ने की आत्महत्या की कोशिश

 17 Nov 2020  457

संवाददाता/in24 न्यूज़.  
धोखाधड़ी का मामला सामने आने पर गुजरात बीजेपी के एक नेता ने फांसी लगाने की कोशिश की, मगर उन्हें कामयाबी नहीं मिली. गुजरात के सूरत में एक बीजेपी नेता पर धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज होने के बाद उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष पीवीएस शर्मा के खिलाफ जालसाजी का केस दर्ज हुआ था. इसके दो दिन बाद ही उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की. उन्होंने नवसारी जिले में अपने दोस्त के घर फांसी लगा ली. हालांकि बीजेपी नेता के ड्राइवर ने उन्हें फांसी के फंदे से झूलता देख लिया और तुरंत नीचे उतारकर उन्हें अस्पताल लेकर गया. जहां डॉक्टरों ने उन्हें बचा लिया. डॉक्टरों ने अब उन्हें खतरे से बाहर बताया है. नवसारी ग्रामीण पुलिस इंस्पेक्टर ने बताया कि बीजेपी नेता के आत्महत्या की कोशिश के मामले में वह जांच कर रहे हैं. खबरों के मुताबिक़ बीजेपी नेता के खिलाफ 14 नवंबर को आयकर विभाग ने धोखाधड़ी और जालसाजी का केस दर्ज किया था. बीजेपी नेता पर आरोप है कि उन्होंने अपने दो अख़बारों के प्रिंट सर्कुलेशन की गिनती में घपला किया था. उन्होंने अपने अखबारों के सर्कुलेशन को बढ़ाकर दिखाया, जिससे सरकार और विज्ञापन दाताओं से उन्हें 2.70 करोड़ के विज्ञापन मिले. इसे लेकर आयकर विभाग ने बीजेपी नेता पीवीएस शर्मा, उनके बिज़नेस पार्टनर सीताराम अडुकिया तथा अन्य कुछ लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था. शर्मा और अडुकिया गुजराती और अंग्रेजी में सत्यम टाइम्स नामक अख़बार मिलकर निकालते हैं. दोनों ने साल 2008-2009 और 21 अक्टूबर 2010 के बीच अखबार छापने के लिए कच्चा माल महेश ट्रेडिंग कम्पनी तथा अन्य जगहों से खरीदा था. इसके लिए उन्होंने कुल 3.98 करोड़ रुपए चुकाए की बात कही थी. लेकिन शिकायत में कहा गया कि महेश ट्रेडिंग नामक कोई कम्पनी ही नहीं है. आरोप है कि कम्पनी के पते का मालिकाना हक शर्मा के सहयोगी अडुकिया के पास है. छापेखाने के रिकार्ड रजिस्टर पर शर्मा और अडुकिया ने अखबार के गुजराती एडिशन की संख्या 23,500 बताई थी, वहीं अंग्रेज़ी एडिशन की संख्या 6,000 बताई गई थी. शर्मा और अडुकिया ने विज्ञापन के लिए इस संख्या को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया था. शिकायत में कहा गया है कि गुजराती एडिशन की असल संख्या 600 तथा अंग्रेजी एडिशन की संख्या 290 ही थी. लेकिन फ़र्जी दस्तावेज दिखाकर उन्होंने केंद्र सरकार से 70 लाख के विज्ञापन लिए और दूसरी विज्ञापन एजेंसियों से लगभग 2 करोड़ के विज्ञापन लिए. बहरहाल, आत्महत्या मामले की जांच चल रही है.