घर में घिरी बीजेपी : किसान बिल वापस लेने का दवाब
01 Dec 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
देश भर में किसानों ने अपनी नाराज़गी को सड़कों पर ला दिया है. ऐसे में बीजेपी अपने घर में ही घिरी नज़र आ रही है. कृषि कानून के खिलाफ देशभर के किसान दिल्ली से लेकर पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं. इसे लेकर एनडीए के एक और सहयोगी दल ने भी गठबंधन छोड़ने की धमकी दी है. एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने एक पत्र केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को लिखा है. हनुमान बेनीवाल ने मोदी सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने को कहा है. इसे लेकर उन्होंने एनडीए छोड़ने की धमकी दी है. हनुमान बेनीवाल ने केंद्र सरकार से हाल में लागू कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. उन्होंने कहा कि अगर इस मामले में त्वरित कार्रवाई नहीं की गई तो वह बीजेपी का सहयोगी दल बने रहने पर पुनर्विचार करेंगे. हनुमान बेनीवाल ने लिखा है कि देश में चल रहे किसान आंदोलन की भावना को देखते हुए हाल ही में कृषि से सम्बंधित लाये गए 3 बिलों को तत्काल वापिस लिया जाए व स्वामीनाथन आयोग की सम्पूर्ण सिफारिशों को लागू करें व किसानों को दिल्ली में त्वरित वार्ता के लिए उनकी मंशा के अनुरूप उचित स्थान दिया जाए! इसके आगे उन्होंने लिखा कि चूंकि आरएलपी एनडीए का घटक दल है परन्तु आरएलपी की ताकत किसान व जवान है इसलिए अगर इस मामले में त्वरित कार्यवाही नहीं की गई तो मुझे किसान हित मे एनडीए का सहयोगी दल बने रहने के विषय पर पुनर्विचार करना पड़ेगा! गौरतलब है कि एनडीए को समर्थन दे रहे बेनीवाल अपनी पार्टी से अकेले सांसद हैं. यदि उनकी पार्टी एनडीए से समर्थन वापस ले लेती है तो केंद्र सरकार की मौजूदा स्तिथि पर कोई फर्क़ नहीं पड़ेगा. हालांकि बेनीवाल के इस कदम से एनडीए के घटक दलों को लेकर विपक्षी दलों को सरकार पर निशाना साधने का पूरा अवसर जरूर मिल जाएगा. बता दें कि आंदोलन कर रहे किसान सरकार के साथ बिना शर्त बात करना चाहते हैं जबकि सरकार सशर्त बात करने के पक्ष में है.