शक्ति बिल को महाराष्ट्र विधानसभा की हरी झंडी
15 Dec 2020
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संवाददाता/in24 न्यूज़.
महिला शोषण के खिलाफ महाराष्ट्र सरकार ने पूरी तरह कमर कस ली है. सरकार ने बलात्कार, तेजाब हमले एवं सोशल मीडिया पर महिलाओं और बच्चों के खिलाफ आपत्तिजनक सामग्री डालने जैसे अपराधों के लिए मृत्यु दंड एवं 10 लाख रूपये तक के जुर्माने समेत कठोर दंडों के प्रावधान वाला एक विधेयक विधानसभा में पेश किया। आंध्रप्रदेश के दिशा अधिनियम की तर्ज पर बनाये गये ‘शक्ति’ नामक इस विधेयक में ऐसे अपराधों की 15 दिनों के अंदर जांच पूरी करने और आरोपपत्र दाखिल करने एवं सुनवाई 30 दिनों के अंदर पूरी करने का प्रावधान है। कल सोमवार को महाराष्ट्र विधानमंडल का दो दिवसीय सत्र आरंभ हुआ। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने विधानमंडल के दो दिवसीय सत्र के पहले दिन महाराष्ट्र शक्ति आपराधिक कानून (महाराष्ट्र संशोधन) विधेयक, 2020 और महाराष्ट्र विशिष्ट विशेष अदालत विधेयक पेश किए। पहले विधेयक में सख्त सजा के लिए आईपीसी, आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी), बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम की संबंधित धाराओं में संशोधन का प्रावधान है जबकि दूसरा इस कानून के तहत सुनवाई के लिए राज्य के हर जिले में कम से कम एक विशेष अदालत की स्थापना के लिए है। गौरतलब है कि यह विधेयक आज मंगलवार को सदन से पारित हो सकता है। विधेयक में सीआरपीसी से जुड़े प्रस्तावित संशोधन जांच की अवधि दो महीने से घटाकर 15 दिन करने, सुनवाई की अवधि दो महीने से घटाकर 30 दिन करने और अपील की अवधि छह माह से 45 दिन करने के लिए की गई है। इससे पहले भाजपा महिला मोर्चा की उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने इसका विस्तृत अध्ययन करने के बाद सदन में पेश करने की मांग की थी। लेकिन सरकार ने विपक्ष की मांग पर गौर किए बिना विधेयक पेश कर दिया है। देखना होगा कि इस विधेयक के बाद महिलाओं के संदर्भ में होनेवाले अपराधों में कितनी कमी आती है.