कांग्रेस स्थापना दिवस : सोनिया बीमार और राहुल विदेश में

 28 Dec 2020  778

संवाददाता/in24 न्यूज़.
कांग्रेस की आज स्थापना दिवस है, पर सोनिया गांधी बीमार हैं तो राहुल गांधी विदेश में हैं. बता दें कि देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी कांग्रेस का आज 136वां स्थापना दिवस है। आजादी के बाद से अब तक देश में सबसे ज्यादा दिनों तक कांग्रेस पार्टी की सरकार रही है। देश का संविधान बनने से लेकर देश की हर व्यवस्था में कांग्रेस की छाप दिखती है, लेकिन समय के साथ कांग्रेस पार्टी पर लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है। देश में ज्यादातर राज्यों में या तो भाजपा की सरकार है या फिर गैर कांग्रेसी सरकार। कांग्रेस की इस हालत के पीछे कई वजह बताई जा रही हैं। सोमवार को स्थापना दिवस पर पार्टी मुख्यालय में झंडा कौन फहराएगा इस पर चर्चा तेज है, क्योंकि सोनिया गांधी बीमार हैं और राहुल गांधी विदेश यात्रा पर हैं। हाल ही में वरिष्ठ नेता मोती लाल वोरा का निधन हो गया है। बीते सालों में इन्हीं नेताओं ने मुख्यालय में पार्टी का झंडा फहराया है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी रविवार को अपनी निजी यात्रा पर विदेश रवाना हुए। कांग्रेस ने हालांकि यह नहीं बताया कि राहुल गांधी कहां गए हैं। लेकिन पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने पुष्टि की कि वह कुछ दिनों तक बाहर रहेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी संक्षिप्त व्यक्तिगत यात्रा के लिए विदेश रवाना हुए हैं और वह कुछ दिनों तक बाहर रहेंगे। यह पूछे जाने पर कि राहुल कहां गए हैं, सुरजेवाला ने कोई खुलासा नहीं किया। इस बीच सूत्रों ने बताया कि राहुल गांधी सुबह कतर एयरवेज की उड़ान से इटली में मिलान रवाना हुए। राहुल गांधी की नानी इटली में रहती हैं और वह पहले भी उनसे मिलने गए थे। 8 दिसंबर 1885 को कांग्रेस का गठन किया गया था। मुंबई में कांग्रेस का पहला अधिवेशन हुआ। कलकत्ता हाईकोर्ट के एडवोकेट व्योमेश चन्द्र बनर्जी को पार्टी की अध्यक्षता का मौका मिला। कांग्रेस पार्टी के जन्मदाता रिटायर्ड अंग्रेज अफसर एओ ह्यूम (एलन आक्टेवियन ह्यूम) थे। कहा यह भी जाता है कि तत्कालीन वायसराय लार्ड डफरिन (1884-1888) ने पार्टी की स्थापना का समर्थन किया था। इस अंग्रेज ऑफिसर एओ ह्यूम को पार्टी के गठन के कई सालों बाद तक भी पार्टी के संस्थापक के नाम से वंचित रहना पड़ा। 1912 में उनकी मृत्यु के बाद कांग्रेस ने यह घोषित किया कि एओ ह्यूम ही इस पार्टी के संस्थापक हैं। कांग्रेस पार्टी के गठन के संदर्भ में गोपाल कृष्ण गोखले ने लिखा है कि एओ ह्यूम के सिवाए कोई भी व्यक्ति कांग्रेस का गठन नहीं कर सकता था। कांग्रेस में सबसे पहले स्वराज का लक्ष्य बाल गंगाधर तिलक ने अपनाया। 1907 में कांग्रेस में दो दल बन गए थे। ये दोनों दल गरम दल औ नरम दल थे। गरम दल का नेतृत्व बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय और बिपिन चन्द्रपाल कर रहे थे। इन्हे लाल-बाल-पाल) भी कहा जाता था। वहीं नरम दल का नेतृत्व गोपाल कृष्ण गोखले , फिरोजशाह मेहता एवं दादाभाई नौरोजी कर रहे थे। गरम दल पूर्ण स्वराज की मांग कर रहा था तो वहीं नरम दल ब्रिटिश राज में स्वशासन चाहता था। 1916 में होम रूल आंदोलन की शुरूआत हुई। जिसके तहत अंग्रेजो के राज में डोमिनियन स्टेटस की मांग की गई। कांग्रेस में बड़े बदलाव की शुरुआत 1915 में महात्मा गांधी के भारत आगमन के साथ हुई थी। 1919 में गांधी जी जलियावाला बाग हत्याकांड के बाद महासचिव बने।इसके बाद पार्टी में राष्ट्रीय नेताओं की एक नई पीढ़ी आई। इनमें सरदार बल्लभ भाई पटेल, जवाहर लाल नेहरू, डॉ राजेन्द्र प्रसाद महादेव देसाई और सुभाष चंद्र बोस शामिल थे। अगर बात करें आजाद भारत की तो इतिहास के पन्नों में कांग्रेस को आजाद भारत में ही कांग्रेस के मजबूत दल के तौर पर उभरी। जवाहर लाल नेहरु के जादुई नेतृत्व क्षमता की बदौलत पार्टी ने देश में हुए पहले संसदीय चुनावों में जबरदस्त सफलता पाई और नेहरू देश के पहले प्रधानमंत्री बने। उनका यह सिलसिला साल 1952 से 1962 तक लगातार चलता रहा। बहरहाल, भले ही कांग्रेस का इतिहास स्वर्णिम रहा, मगर आज के दौर में कांग्रेस लगातार अपना जनाधार खोती जा रही है. कांग्रेस के अनेक बड़े नेता पार्टी छोड़कर बहार जा चुके हैं. अध्यक्ष पद को लेकर भी कांग्रेस में कोई स्पष्ट राय नहीं बन पाई है.