रेलवे ने ई टिकट घोटाले में कराना चाहती है एफआईआर

 20 Feb 2020  712

संवाददाता/in24 न्यूज़।

पश्चिम रेलवे के विजिलेंस विभाग द्वारा आईआरसीटीसी को पत्र लिखकर ई-टिकट की धांधली वाले मामलों में एफआईआर दर्ज कराने की मांग की गई है। सूत्रों के अनुसार, रेलवे ऐक्ट 143 के तहत होने वाली कार्रवाई में कम सजा मिलने के कारण ई-टिकट दलालों पर अंकुश नहीं लग रहा है। विजलेंस की ओर से लिखे गए पत्र के मुताबिक, गत वर्ष नवंबर माह में कच्छ के एक दलाल सहित ई-टिकट फ्रॅाड का एक बड़ा रैकेट पकड़ा गया था। इस गिरोह द्वारा अवैध तरीके से 292 पीएनआर जनरेट कर 1692 यात्रियों की टिकट बुक की गई थीं। दो-तीन महीनों तक चली जांच के बाद पता चला कि इस तरह के दलाल सजा के बाद भी लगातार ऐक्टिव हैं। इन पर सायबर क्राइम के तहत आईपीसी की धाराएं लगाकर कार्रवाई होनी चाहिए।इस मामले में आईआरसीटीसी के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि आईआरसीटीसी का सिस्टम को और पुख्ता बनाने की जरूरत है। इसके लिए कई कदम उठाए गए हैं, लेकिन कामयाबी नहीं मिली। अधिकारी ने बताया कि पहले भी कई बार इस तरह के मामलों में एफआईआर दर्ज कराने की सिफारिश हुई है, लेकिन इसके तकनीकी पहलू देखने पड़ेंगे। गौरतलब है कि भारतीय रेलवे में करीब 70 प्रतिशत आरक्षित टिकटों की बुकिंग आईआरसीटीसी के जरिए होती है। ऐसे में रेलवे भी क्रिस के मौजूदा सर्वर अब आईआरसीटीसी के हवाले करना चाहती है। जानकारों का मानना है कि आईआरसीटीसी का मौजूदा सिस्टम पुख्ता नहीं है, यदि उनके पास यात्री आरक्षण केंद्रों का सिस्टम भी चला जाएगा, तो बहुत बड़ा संकट पैदा हो जाएगा।